डबल इंजन सरकार के झूठे दावों में नहीं आने वाली बिहार की जनता प्रियंका चतुर्वेदी

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने दावा किया कि बिहार की जनता इस बार डबल इंजन सरकार के झूठे दावों में नहीं आने वाली है।
आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस सरकार ने 20 साल में सिर्फ जनता को झूठे वादे किए, विकास के नाम पर लोगों को धोखा दिया। इस बार बिहार की जनता विकास के लिए वोट करेगी। ऐसी सरकार का चुनाव करेगी जो उनके लिए काम करे। बिहार की जनता नीतीश कुमार और भाजपा की डबल इंजन सरकार से उम्मीदें लगाए बैठी थी कि वह बिहार में बहार लाएंगे, लेकिन वह बिहार को बदहाली की ओर ले गए। मैं उम्मीद करती हूं कि आने वाले समय में जनता अपने विकास, प्रगति, युवाओं, महिलाओं, किसानों और राज्य की उन्नति के लिए वोट देगी।
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि एसआईआर को लेकर जनता के मन में कई सवाल थे। जिस तरह से वोटर लिस्ट में नाम हटाए जा रहे थे, वह प्रक्रिया हमने महाराष्ट्र, ओडिशा, हरियाणा और दिल्ली में देखी है। वोटर लिस्ट में बदलाव, जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया चल रही थी। बिहार में भी एसआईआर के तहत यही देखा गया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है और अभी तक पूरी तरह सुलझा नहीं है।
मैं उम्मीद करती हूं कि चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी समझेगा और देश के संविधान और लोकतंत्र के प्रति अपने दायित्व को निभाएगा ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हों। कोई भी पंजीकृत वोटर अपने मताधिकार से वंचित न रहे।
झारखंड में तीन कफ सिरप पर लगे प्रतिबंध पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं। जो कफ सिरप खराब गुणवत्ता के, नकली या गलत तरीके से बनाए जाते हैं, वे जान-माल का नुकसान करते हैं। हमने मध्य प्रदेश में बच्चों की मौतें देखी हैं।
सवाल यह है कि इसके लिए जिम्मेदारी किसकी है? ड्रग्स प्रशासन ऐसी दवाओं को लाइसेंस कैसे दे देता है? क्वालिटी टेस्ट पास कैसे हो जाते हैं? इन्हें प्रिस्क्रिप्शन में क्यों लिखा जाता है? आखिर में नुकसान देश की गरीब जनता को भुगतना पड़ता है।
सीजेआई पर हमले के प्रयास पर उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जिस तरह से लोग स्वयं को जज और ज्यूरी मानने लगे हैं, यह शर्मनाक है। सनातन के नाम पर ऐसा करना और भी शर्मनाक है। मैं यही कहूंगी कि भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद एक संवैधानिक जिम्मेदारी और महत्वपूर्ण पद है। यदि हम इस तरह का व्यवहार करेंगे, तो सबसे बड़ी चोट देश के संविधान को लगती है।
मैं उम्मीद करती हूं कि इस घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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Created On :   7 Oct 2025 4:53 PM IST