बीएपीएस ने मुंबई-नासिक और पुणे में किया रक्तदान शिविर का आयोजन, रिकॉर्ड लोगों ने लिया हिस्सा

बीएपीएस ने मुंबई-नासिक और पुणे में किया रक्तदान शिविर का आयोजन, रिकॉर्ड लोगों ने लिया हिस्सा
बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि सच्ची सेवा वही है जो निस्वार्थ, संगठित और मानवता की गहराइयों से प्रेरित हो। चाहे वह भूकंप का कहर हो, अकाल की मार, रेल दुर्घटना की त्रासदी, या फिर यूक्रेन-रूस युद्ध जैसी मानवीय संकट की स्थिति, हर बार बीएपीएस ने साहस, करुणा और अनुशासन के साथ समाज सेवा का इतिहास रचा है।

मुंबई, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि सच्ची सेवा वही है जो निस्वार्थ, संगठित और मानवता की गहराइयों से प्रेरित हो। चाहे वह भूकंप का कहर हो, अकाल की मार, रेल दुर्घटना की त्रासदी, या फिर यूक्रेन-रूस युद्ध जैसी मानवीय संकट की स्थिति, हर बार बीएपीएस ने साहस, करुणा और अनुशासन के साथ समाज सेवा का इतिहास रचा है।

हाल ही में मुंबई, नासिक और पुणे में आयोजित रक्तदान शिविरों ने सेवा और मानवता की इस ज्योति को और प्रखर बना दिया। इन अभियानों के माध्यम से 11,47,600 सीसी रक्त एकत्रित किया गया, जो न केवल एक रिकॉर्ड है, बल्कि जीवन बचाने के संकल्प का प्रतीक है।

परम पूज्य महंत स्वामी महाराज की प्रेरणा से हजारों स्वयंसेवक और श्रद्धालु इस पुण्य कार्य में सहभागी बने। रक्तदान को संस्था ने केवल चिकित्सकीय सहायता नहीं, बल्कि आत्मा की सर्वोच्च सेवा घोषित किया है, क्योंकि रक्त वह अनमोल तत्व है जिसे न कोई प्रयोगशाला बना सकती है, न कोई तकनीक।

तारक मेहता का उल्टा चश्मा के जेठालाल का रोल निभाने वाले एक्टर दिलीप जोशी ने भी मुंबई में बीएपीएस के द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में हिस्सा लिया।

बीएपीएस के हजारों स्वयंसेवक इस आंदोलन की आत्मा हैं। उनका अनुशासन, विनम्रता और तत्परता, संस्था की सेवा भावना का प्रत्यक्ष उदाहरण है। डॉ. पुरी (एसबीटीसी निदेशक) और डॉ. किशोर कुमार झा (महात्मा गांधी ब्लड बैंक निदेशक) के मार्गदर्शन में हुए इस शिविर ने यह साबित किया कि जब संगठन, सद्भाव और समर्पण मिलते हैं, तो सेवा आंदोलन समाज का पुनर्निर्माण कर सकता है।

दो वर्ष पूर्व अहमदाबाद में प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी समारोह के दौरान केवल 30 दिनों में 59 लाख सीसी रक्त संग्रह किया गया, यह विश्वस्तरीय सेवा-संकल्प का गौरवशाली उदाहरण है। बीएपीएस के 55,000 से अधिक स्वयंसेवक प्रतिवर्ष 1.5 करोड़ से अधिक सेवा घंटे समर्पित करते हैं, जिसमें महिला स्वयंसेवकों की भागीदारी विशेष रूप से प्रेरणादायक है। बीएपीएस की यह निरंतर सेवा न केवल हिंदू समाज बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए अनुकरणीय प्रेरणा बन चुकी है।

बीएपीएस संस्था अपनी सामाजिक सेवाओं के साथ-साथ चिकित्सा क्षेत्र में भी उत्कृष्ट कार्य कर रही है। बीएपीएस चैरिटीज़ के माध्यम से प्रत्येक वर्ष लाखों लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं—ग्रामीण, आदिवासी और शहरी क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए मोबाइल क्लीनिक और डायग्नोस्टिक कैंप संचालित किए जाते हैं।

हाल ही में गुजरात स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर में दो नवीन मेडिकल वैनों का उद्घाटन हुआ, जिससे अब संस्था के 14 मोबाइल मेडिकल क्लीनिक सक्रिय हो गए हैं।

ये वैन दूरदराज के क्षेत्रों में प्राथमिक उपचार, विशेषज्ञ परामर्श और आपातकालीन सेवाएं पहुंचाने में सेतु का कार्य कर रही हैं। कोविड-19 महामारी के समय बीएपीएस ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, मास्क और त्वरित चिकित्सा सहयोग प्रदान कर मानवता की रक्षा की। स्वयंसेवक चिकित्सकों ने निःशुल्क परामर्श और मानसिक सहायता देकर हजारों परिवारों को राहत पहुंचाई।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   7 Oct 2025 7:03 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story