दिल्ली में बढ़ा डेंगू-मलेरिया का खतरा, एमटीएस कर्मचारियों की हड़ताल खत्म कराए सरकार अंकुश नारंग

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली में डेंगू और मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 5,200 एमटीएस और सीएफडब्ल्यू कर्मचारी पिछले नौ दिनों से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने मंगलवार को हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों से मुलाकात की और उनकी मांगों का समर्थन किया। उन्होंने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सिर्फ 60 करोड़ रुपए सालाना बचाने के लिए 5 हजार कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर कर रही है।
नारंग ने कहा कि जब से ये कर्मचारी हड़ताल पर गए हैं, तब से दिल्ली में फॉगिंग और मच्छरनाशी दवाओं का छिड़काव बंद है। यही वजह है कि डेंगू-मलेरिया के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। दिल्ली में भाजपा की चार इंजन की सरकार बनने के बाद से न कर्मचारी खुश हैं और न ही दिल्ली की जनता। भाजपा सरकार के गैरजिम्मेदार रवैये के कारण राजधानी में स्वास्थ्य संकट गहराता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की एमसीडी सरकार ने ही इन कर्मचारियों को डीबीसी से एमटीएस का दर्जा दिलाया था। मैंने 26 सितंबर को सदन में मेयर राजा इकबाल सिंह को आगाह किया था कि ये कर्मचारी 29 सितंबर को हड़ताल पर जा रहे हैं, लेकिन मेयर ने उनसे बात करने के लिए 10 मिनट का समय तक नहीं निकाला।
अंकुश नारंग ने कर्मचारियों की तीन मुख्य मांगों को पूरी तरह जायज बताया, जिसमें समान वेतन, मेडिकल लीव, और मृत्यु पर परिवार को नौकरी शामिल है। उन्होंने कहा कि एमटीएस कर्मचारियों को अब भी छह अलग-अलग स्केल में सैलरी मिलती है, जबकि सभी एक ही तरह का काम करते हैं।
उन्होंने सवाल किया कि मेडिकल लीव कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को मिलती है, तो इन्हें क्यों नहीं? ये लोग मलेरिया-डेंगू जैसी बीमारियों के बीच काम करते हैं।मेडिकल हेल्थ ऑफिसर (एमएचओ) ने माना कि समान वेतन से हर महीने करीब 5 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा, यानी सालाना 60 करोड़ रुपए।
उन्होंने आगे कहा कि जब भाजपा की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मेयर राजा इकबाल सिंह खुद कहते हैं कि फंड की कोई कमी नहीं है, तो फिर इन कर्मचारियों को न्याय देने में क्या दिक्कत है? भाजपा प्रचार और विज्ञापनों पर इससे कहीं अधिक खर्च करती है।
दिल्ली में बढ़ते डेंगू-मलेरिया मामलों पर चिंता जताते हुए नारंग ने कहा कि इस साल अब तक डेंगू के 840, मलेरिया के 431 और चिकनगुनिया के 75 केस दर्ज किए गए हैं, जो पिछले पांच सालों में सबसे अधिक हैं। आठ दिनों से फॉगिंग और टैंक चेकिंग बंद होने से बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।
—आईएएनएस
पीकेटी/पीएसके
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Created On :   7 Oct 2025 9:06 PM IST