बिहार परिवार और कार्यकर्ताओं के लिए अलग-अलग मापदंड, राजद से निष्कासित किए जाने पर बोलीं रितु जायसवाल

बिहार  परिवार और कार्यकर्ताओं के लिए अलग-अलग मापदंड, राजद से निष्कासित किए जाने पर बोलीं रितु जायसवाल
राजद द्वारा पार्टी विरोधी कार्यों में संलिप्त रहने के आरोप में 27 नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित किए जाने पर राजद महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रितु जायसवाल ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि पार्टी में दो मापदंड हैं- एक परिवार के लिए, दूसरा कार्यकर्ताओं के लिए। दरअसल, राजद प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने रितु जायसवाल सहित 27 लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसमें कई विधायक और कुछ पूर्व विधायक भी शामिल थे।

पटना, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजद द्वारा पार्टी विरोधी कार्यों में संलिप्त रहने के आरोप में 27 नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित किए जाने पर राजद महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रितु जायसवाल ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि पार्टी में दो मापदंड हैं- एक परिवार के लिए, दूसरा कार्यकर्ताओं के लिए। दरअसल, राजद प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने रितु जायसवाल सहित 27 लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसमें कई विधायक और कुछ पूर्व विधायक भी शामिल थे।

इधर, पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद रितु जायसवाल भड़क गई। उन्होंने मंगलवार को सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "कल पार्टी ने परिहार से मुझे, गोविंदपुर से मो. कामरान को, चिरैया से अच्छेलाल यादव को और कई अन्य जमीनी कार्यकर्ताओं को 6 साल के लिए बाहर कर दिया। कारण बताया गया - पार्टी समर्थित उम्मीदवार के विरोध में निर्दलीय खड़ा होना या किसी अन्य को समर्थन देना।"

उन्होंने आगे कहा, "चलो, मान लेते हैं कि मैं बागी हो गई हूं, लेकिन मो. कामरान का टिकट क्यों काटा गया? एक शांत स्वभाव के व्यक्ति, जो विधायक होते हुए भी पार्टी के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी पूरी निष्ठा और तल्लीनता से निभा रहे थे, उनका अपराध क्या था?''

बिहार राजद महिला मोर्चा की अध्यक्ष का दायित्व निभा रही जायसवाल ने आगे कहा कि 2020 में जब रामचंद्र पूर्वे ने एमएलसी रहते हुए परिहार में पार्टी विरोधी काम किया था, तब पार्टी का अनुशासन कहां था? अगर तब उन्हें 6 साल के लिए बाहर किया गया होता, तो क्या 2025 में अपने परिवार के किसी सदस्य को टिकट दिला पाते? स्पष्ट है कि पार्टी में दो मापदंड हैं - एक परिवार के लिए, दूसरा कार्यकर्ताओं के लिए।

उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि अगर परिहार से किसी अन्य जमीनी कार्यकर्ता को टिकट मिला होता, तो मैं उसका समर्थन पूरे मन से करती। जो कार्यकर्ता लगातार जनता के बीच खड़ा रहे, उसे टिकट न मिले, और जो परिवार गणेश परिक्रमा करे, उसे इनाम में टिकट दे दिया जाए- यह दोहरा मापदंड परिहार की जनता को स्वीकार नहीं है और इसकी गूंज 11 नवंबर को पूरे बिहार को सुनाई जाएगी।

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Created On :   28 Oct 2025 2:19 PM IST

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