स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने अकबर और टीपू सुल्तान पर एनसीईआरटी किताबों में बदलाव का स्वागत किया
वाराणसी, 22 नवंबर (आईएएनएस)। अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने अकबर और टीपू सुल्तान को लेकर एनसीईआरटी की किताबों में कथित तौर पर किए गए बदलाव का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में भाईचारा को बढ़ाना है तो ऐसे बादशाहों को नहीं पढ़ाया जाना चाहिए, जिन्होंने हिंदुओं के कत्लेआम किए।
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि लंबे समय से देश में मुगलों का इतिहास पढ़ाया जा रहा था। 7वीं शताब्दी से पीछे का इतिहास पढ़ाने की कोई तैयारी नहीं की गई। उन्होंने कहा, "कर्नाटक में टीपू सुल्तान ने कत्लेआम किया। एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में कुरान लेकर इस्लाम को आगे बढ़ाया। शिक्षा मंत्रालय के फैसले का दिल से स्वागत करता हूं, जिसने बदलाव के लिए कदम उठाया है।"
बंगाल में 'बाबरी मस्जिद' बनाने की टीएमसी विधायक की घोषणा पर उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी को घेरा। उन्होंने इसे वोटों की राजनीति का हिस्सा बताया।
संघ प्रमुख मोहन भागवत के 'हिंदू खत्म होगा तो दुनिया खत्म हो जाएगी' वाले बयान पर स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, "हिंदू दर्शन के अलावा किसी अन्य धर्म में जीव मात्र को जीवन का अधिकार प्राप्त नहीं है। काफिरों का कत्ल तक इस्लामों का हिस्सा है, लेकिन सभी के सुख और समृद्धि की कामना करने का अधिकार सिर्फ सनातन धर्म में है।"
उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन के आधार पर दुनिया जीवित रह सकती है। जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, "जीयो और जीने दो की राह सनातन धर्म ने पूरे विश्व को दिखाई। इसीलिए दुनिया के जिंदा रहने की शर्त हिंदू का जिंदा रहना ही है।"
अयोध्या में 25 नवंबर के ध्वजारोहण कार्यक्रम के बारे में उन्होंने कहा, "500 साल से इसी धर्म ध्वज के लहराने का इंतजार था। यह वैश्विक रूप से भारत के जगत गुरु बनने की दिशा में बढ़ाया गया कदम है।"
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Created On :   22 Nov 2025 3:30 PM IST












