तमिलनाडु वीसीके पार्टी ने शुरू की चुनावी तैयारियां, डीएमके गठबंधन में दोगुनी सीटों की दावेदारी
चेन्नई, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) की सहयोगी पार्टी विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) आगामी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट चुकी है। सूत्रों ने बताया है कि इस बार वीसीके का लक्ष्य पहले के मुकाबले अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना है और गठबंधन में सहयोगी दलों के सामने अधिक सीटों की मांग रख सकती है।
विदुथलाई चिरुथिगल काची पार्टी ने पिछली बार छह सीटों पर चुनाव लड़ा। इस बार पार्टी दोहरी संख्या में हिस्सेदारी के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, वीसीके गठबंधन में बातचीत के दौरान डीएमके से कम से कम 12 सीटों की मांग करने की योजना बना रही है।
नेताओं का कहना है कि पार्टी का मुख्य फोकस सामान्य सीटें हैं। इसलिए अधिक सामान्य सीटों की मांग करना पार्टी के असर को अलग-अलग इलाकों में बढ़ाने और हाल के सालों में वीसीके के साथ हाथ मिलाने वाले अलग-अलग डेमोक्रेटिक ग्रुप्स को शामिल करने की एक लंबे समय की रणनीति का हिस्सा है।
2021 में वीसीके ने दो सामान्य श्रेणी की सीटों (थिरुपोरूर और नागपट्टिनम) पर जीत हासिल की। नेताओं का कहना है कि यह जीत गैर-दलित समुदायों के बीच पार्टी की बढ़ती स्वीकार्यता को दिखाती है।
राजनीतिक हलकों में इस बात की अटकलों के बावजूद कि डीएमके अपने सहयोगियों को दी जाने वाली सीटों की संख्या कम कर सकती है, वीसीके को भरोसा है कि उसका हिस्सा घटने के बजाय बढ़ेगा।
वीसीके के जनरल सेक्रेटरी और सांसद, डी. रविकुमार ने कहा कि पार्टी डीएमके के साथ गठबंधन को जरूरी मानती है और इसके साथ मजबूती से खड़ी रहेगी। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि गठबंधन के किसी भी तरह से कमजोर होने से भाजपा को ही फायदा होगा। अपनी तैयारियों के तहत, वीसीके के भुवनगिरी, शोझिंगनल्लूर, तिरुवल्लूर और मैलम जैसी आम सीटों के अलावा कल्लाकुरिची, शोलावंदन, सिरकाज़ी और हारूर जैसी रिजर्व सीटों पर भी चुनाव लड़ने की उम्मीद है।
विधानसभा में पार्टी के फ्लोर लीडर, सिंथनाई सेलवन ने बताया कि हाल के सालों में बड़ी संख्या में गैर-दलित युवा वीसीके में शामिल हुए हैं, जो लीडरशिप की जाति उन्मूलन की लगातार अपील से प्रेरित हैं।
उन्होंने कहा कि पार्टी को इन युवा सदस्यों के लिए पॉलिटिकल स्पेस बनाना चाहिए और पहचान-केंद्रित मुद्दों से आगे बढ़कर व मुख्यधारा की पॉलिटिकल बहसों में एक मजबूत आवाज उठाकर दलित पॉलिटिक्स को बदलने की अपनी कोशिश जारी रखनी चाहिए।
एक और सीनियर लीडर ने बताया कि ओबीसी कल्याण के लिए वीसीके की लगातार वकालत ने उसके सपोर्ट बेस को बढ़ाने में मदद की है, जिससे पार्टी को पिछले विधानसभा चुनाव में हाई स्ट्राइक रेट हासिल करने में मदद मिली।
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Created On :   23 Nov 2025 11:45 AM IST












