पश्चिम बंगाल में कोई नहीं रख पाएगा बाबरी मस्जिद की नींव महंत राजूदास

पश्चिम बंगाल में कोई नहीं रख पाएगा बाबरी मस्जिद की नींव महंत राजूदास
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद बनाए जाने के ऐलान के बीच सामूहिक गीता पाठ का आयोजन हो रहा है। इसमें धीरेंद्र शास्त्री, बाबा रामदेव समेत कई साधु-संत शामिल होने वाले हैं। इस बार हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास ने कहा है कि गीता पाठ के आयोजन की जानकारी हमें पहले से ही थी।

अयोध्या, 27 नवंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद बनाए जाने के ऐलान के बीच सामूहिक गीता पाठ का आयोजन हो रहा है। इसमें धीरेंद्र शास्त्री, बाबा रामदेव समेत कई साधु-संत शामिल होने वाले हैं। इस बार हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास ने कहा है कि गीता पाठ के आयोजन की जानकारी हमें पहले से ही थी।

राजूदास ने आईएएनएस से बातचीत में कहा है कि गीता पाठ की जानकारी हमें एक साल पहले से ही है। बाबरी मस्जिद की नींव रखने का कार्यक्रम एक आक्रांता के वंशज ने बनाया है, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाएगा। गीता पाठ के कार्यक्रम में कई साधु-संतों समेत सात लाख से अधिक लोग शामिल होने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि एक साल पहले भी इसका आयोजन किया गया था। पिछले साल तीन लाख लोग शामिल हुए थे, लेकिन इस बार सात लाख लोगों के शामिल होने की तैयारी है। यह सनातन जागृति लाने का एक प्रयास है। सनातन सिखाता है कि धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भाव हो और विश्व का कल्याण हो। इसी को ध्यान में रखकर इसका आयोजन किया जा रहा है।

टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में एक मस्जिद बनवाने का ऐलान किया है। उन्होंने इस मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद रखने की बात कही है। उनके इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया। भाजपा के कई नेताओं ने इस पर कड़ा एतराज जताया है।

हुमायूं कबीर का कहना है कि मैं अपनी बात पर अडिग हूं। यह मेरा अधिकार है कि मैं बाबरी मस्जिद बनाऊं या ताजमहल। मैं इसे किसी और के पैसे से नहीं बना रहा हूं। मैं अपने समुदाय द्वारा कमाए गए पैसे का इस्तेमाल कर रहा हूं। भारत में मुसलमानों के पास धन की कमी नहीं है। वे मेरा समर्थन कर रहे हैं और उसी पैसे से मैं इसे बना रहा हूं।

बाबरी मस्जिद बनाने के ऐलान के बाद विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल का कहना है कि अयोध्या में विवादित ढांचा धराशायी हो चुका है। 90 के दशक में पूरे भारत के हिंदू समाज का एक संकल्प था कि मंदिर बनेगा तो वहीं बनेगा, मस्जिद वहां नहीं बनेगी और यह भी संकल्प था कि बाबरी के नाम पर हम भारत के किसी कोने में मस्जिद नहीं बनने देंगे। अगर पश्चिम बंगाल की धरती पर इस तरह का प्रयास होता है तो यह उस पार्टी और नेता के लिए आत्मघाती कदम होगा।

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Created On :   27 Nov 2025 8:19 PM IST

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