विपक्ष एसआईआर पर संसद में बहस करना चाहता है प्रमोद तिवारी
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है। इसकी शुरुआत से ही सरकार और विपक्ष के बीच एसआईआर को लेकर तीखी राजनीतिक बहस छिड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन में कहा कि ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए और नारा नहीं, नीति चलेगी। वहीं, विपक्ष एसआईआर के मुद्दे को प्रमुखता से उठाना चाहता है।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि आजाद भारत की सबसे मूल्यवान धरोहर संविधान और लोकतंत्र है, लेकिन वर्तमान समय में मतदाता सूची में चोरी नहीं, लूट हो रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष चाहता है कि संसद के सभी अन्य काम रोककर मतदाता सूची की स्थिति और एसआईआर प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा हो। तिवारी ने कहा, “सरकार ने इशारा किया है कि वह इस मुद्दे पर बातचीत करेगी। हमें इंतजार है कि सरकार कब अपना रुख स्पष्ट करती है।”
टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने इस मुद्दे को मानवीय त्रासदी करार दिया। उन्होंने दावा किया कि एसआईआर प्रक्रिया में काम कर रहे 40 बीएलओ की मौत हो चुकी है और हजारों लोग परेशानियों से गुजर रहे हैं। ऐसे में विपक्ष चुप नहीं बैठ सकता है। हम चाहते हैं कि पूरी चुनावी प्रक्रिया पर संसद में गंभीर चर्चा हो, लेकिन सरकार अपनी जवाबदेही तय करने को तैयार नहीं है।
समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय ने कहा कि विपक्ष योग्य मतदाता के साथ खड़ा है और फर्जी वोटिंग के खिलाफ है। उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि फेक एंट्रीज पहचानने के लिए आपके पास पिछली वोटर लिस्ट मौजूद है। उसे देखकर पता लगाइए कि कौन छूटा है और कौन गलत तरीके से जोड़ा गया है। 2003 के पैरामीटर की अब क्या जरूरत है? आप लोगों को इतना कन्फ्यूज कर देते हैं कि वे फेक एंट्रीज रिपोर्ट ही नहीं करते, और फिर वही एंट्रीज आप खुद जोड़ लेते हैं।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने प्रधानमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम इतने गंभीर मुद्दे उठा रहे हैं और उन्हें यह ड्रामा लग रहा है? आपने ऐसा क्या चमत्कार कर दिया है कि दावा कर रहे हैं कि कोई एंटी-इनकंबेंसी नहीं है? जनता के बीच जाइए, आपको सच्चाई सुनने को मिलेगी। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और बिहार में तेजस्वी यादव की रैलियों में भारी भीड़ उमड़ रही है। हो सकता है आपकी रैलियों में कम लोग आएं, लेकिन बैलेट बॉक्स खुलेंगे तो जनता का असली रिस्पॉन्स दिखाई देगा।
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि यह मुद्दा भारतीय लोकतंत्र की आत्मा से जुड़ा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग व्यवस्थित तरीके से लाखों नागरिकों के मौलिक अधिकारों, खासकर वोट देने के अधिकार को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। वोट का अधिकार सबसे पवित्र और कीमती है। भाजपा और उसके अधिकारी इसी अधिकार का गलत इस्तेमाल करना चाहते हैं।
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Created On :   1 Dec 2025 6:45 PM IST












