अंतरराष्ट्रीय: भूकंप के झटकों से दहला फिलीपींस, रिक्टर स्केल पर 5.8 दर्ज की गई तीव्रता

भूकंप के झटकों से दहला फिलीपींस, रिक्टर स्केल पर 5.8 दर्ज की गई तीव्रता
फिलीपींस में मंगलवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.8 दर्ज की गई। हालांकि, अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है।

नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस)। फिलीपींस में मंगलवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.8 दर्ज की गई। हालांकि, अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मंगलवार सुबह उत्तरी फिलीपींस के इलोकोस नॉर्ट प्रांत में 5.8 तीव्रता का एक भूकंप आया, जिसकी जानकारी फिलीपीन इंस्टीट्यूट ऑफ वोल्केनो लॉजी एंड सीस्मोलॉजी ने दी।

बताया जा रहा है कि भूकंप के झटके स्थानीय समयानुसार मंगलवार सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर महसूस किए गए।, जिसका केंद्र पासुक्विन शहर से लगभग 29 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में 27 किलोमीटर की गहराई पर था। यह टेक्टॉनिक भूकंप था, जिसके कारण कुछ और झटके आ सकते हैं, लेकिन इससे बड़ा नुकसान होने की संभावना कम है।

इस भूकंप का असर पड़ोसी प्रांतों कागायन, इलोकोस सुर, इसाबेला और अब्रा में भी महसूस किया गया। फिलीपींस में बार-बार भूकंप आते हैं, क्योंकि यह प्रशांत रिंग ऑफ फायर पर स्थित है।

फिलीपींस में अक्सर भूकंप के झटके आते रहते हैं. इनमें ज्यादातर झटके कम तीव्रता के होते हैं। लेकिन पिछले महीने भी फिलीपींस में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। 24 जून को दक्षिणी फिलीपींस में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था। यूएसजीएस के मुताबिक, ये भूकंप दावाओ द्वीप से करीब 374 किमी पूर्व में आया था। इस भूकंप से भी किसी भी प्रकार का कोई नुकसान या किसी की जान नहीं गई थी।

फिलीपींस में आने वाले ज्यादातर भूकंप कम तीव्रता के होते हैं। लेकिन 2022 में फिलीपींस में 7.0 तीव्रता का भूकंप आया था। जिससे भारी तबाही मची थी। इस भूकंप में कई इमारतें भरभरा कर गिर गई थीं और तमाम मकानों में दरारें आ गई थीं। इस प्राकृतिक आपदा में 600 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारी धरती की सतह मुख्य रूप से सात बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है। ये प्लेट्स लगातार हरकत करती रहती हैं और अक्सर आपस में टकराती हैं। इस टक्कर के परिणामस्वरूप प्लेट्स के कोने मुड़ सकते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण वे टूट भी सकते हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर फैलने का रास्ता खोजती है और यही ऊर्जा जब जमीन के अंदर से बाहर आती है तो भूकंप आता है।

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Created On :   16 July 2025 1:13 PM IST

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