मानवीय रुचि: मार्च 2025 तक कोलकाता की 64 प्रतिशत पीली टैक्सियां सड़कों से हट जाएंगी

मार्च 2025 तक कोलकाता की 64 प्रतिशत पीली टैक्सियां सड़कों से हट जाएंगी
कोलकाता में चलने वाली प्रतिष्ठित पीली टैक्सी अब राज्य की सड़कों पर नहीं देखी जा सकेंगी। 64 प्रतिशत से ज्यादा टैक्सियों को राज्य परिवहन विभाग द्वारा लगाई गई 15 साल की सेवा सीमा के कारण मार्च 2025 तक सड़कों से हटाया जा रहा है।

कोलकाता, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। कोलकाता में चलने वाली प्रतिष्ठित पीली टैक्सी अब राज्य की सड़कों पर नहीं देखी जा सकेंगी। 64 प्रतिशत से ज्यादा टैक्सियों को राज्य परिवहन विभाग द्वारा लगाई गई 15 साल की सेवा सीमा के कारण मार्च 2025 तक सड़कों से हटाया जा रहा है।

राज्य परिवहन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार वर्तमान में राज्य में लगभग 7,000 रजिस्टर्ड पीली टैक्सियां हैं। उनमें से लगभग 4,500 को प्रदूषण मानदंडों के अनुसार सड़कों से हटाना होगा, जो 15 वर्ष या उससे अधिक पुराने वाहनों को सड़कों पर चलने से रोकते हैं।

ये पीली टैक्सियां, सभी एंबेसडर, पहले हिंदुस्तान मोटर्स लिमिटेड द्वारा पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, हिंद मोटर में बनाई जाती थी। कंपनी ने इस विशेष ब्रांड का निर्माण बंद कर दिया है, इसलिए उनके रिप्लेसमेंट की कोई संभावना नहीं है।

राज्य परिवहन के कुछ रिकॉर्ड बताते हैं कि संभवतः 1908 में कोलकाता की सड़कों पर पहली पीली टैक्सी चलनी शुरू हुई थी, जिसकी सेवा का लाभ उठाने के लिए प्रति मील 50 पैसे का शुल्क तय किया गया था।

हालांकि, कलकत्ता टैक्स एसोसिएशन ने 1962 में मानक कर मॉडल के रूप में एंबेसडर को अपनाया। सूरज ढलने के बाद भी रंग की स्पष्ट दृश्यता टैक्सियों के रंग के रूप में पीले रंग को चुनने का कारण था।

पिछले कुछ वर्षों से पीली टैक्सियों की लोकप्रियता कम हो गई है, क्योंकि ऐप कैब की शुरुआत हुई है, जो बेहतर आरामदायक सवारी प्रदान करती हैं।

हालांकि, पीली टैक्सियों से जुड़ी पुरानी यादों को देखते हुए राज्य परिवहन विभाग उस याद को जीवित रखने के लिए एक सूत्र पर काम करने की कोशिश कर रहा है।

राज्य परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "एंबेसडर मॉडल को सड़कों पर वापस लाना सवाल से बाहर है क्योंकि इसे बनाने वाली कंपनी ने अब इस ब्रांड का उत्पादन बंद कर दिया है। हालांकि, पुरानी पीली टैक्सियों के परमिट रखने वाले मालिक पुराने परमिट के बदले नए वाणिज्यिक परिवहन परमिट प्राप्त कर सकेंगे।"

उन्होंने आगे कहा, "इसके बाद कोई भी मालिक, चाहे वह कोई भी हो, जो भी अपने वाणिज्यिक वाहन के लिए पीला रंग करवाना चाहेगा, उसे राज्य परिवहन विभाग से विशेष अनुमति के साथ ऐसा करना होगा। हालांकि, ये सभी बातें अभी ड्रॉइंग-बोर्ड स्तर पर हैं और टैक्सी एसोसिएशन के साथ विचार-विमर्श की आवश्यकता है।"

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   23 Dec 2024 2:53 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story