विज्ञान/प्रौद्योगिकी: वैकल्पिक डेटा स्रोत और अग्रणी तकनीकें 'नीति निर्माण' के लिए महत्वपूर्ण प्रोफेसर अजय कुमार सूद

वैकल्पिक डेटा स्रोत और अग्रणी तकनीकें नीति निर्माण के लिए महत्वपूर्ण प्रोफेसर अजय कुमार सूद
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) प्रोफेसर अजय कुमार सूद के अनुसार, वैकल्पिक डेटा स्रोत और अग्रणी तकनीकें 'नीति निर्माण' के लिए तेजी से महत्वपूर्ण बनती जा रही हैं। उन्होंने पारंपरिक और वैकल्पिक डेटा स्रोतों को मिलाने वाली सर्वोत्तम नीति की आवश्यकता पर जोर दिया।

नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) प्रोफेसर अजय कुमार सूद के अनुसार, वैकल्पिक डेटा स्रोत और अग्रणी तकनीकें 'नीति निर्माण' के लिए तेजी से महत्वपूर्ण बनती जा रही हैं। उन्होंने पारंपरिक और वैकल्पिक डेटा स्रोतों को मिलाने वाली सर्वोत्तम नीति की आवश्यकता पर जोर दिया।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) द्वारा नीति आयोग और विश्व बैंक के सहयोग से आयोजित एक दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में उन्होंने कहा कि ये उच्च आवृत्ति संकेतक अधिक गतिशील हैं और समय पर जानकारी प्रदान करते हैं, जिससे नीतियों को अधिक कुशल और उत्तरदायी बनाया जा सकता है।

प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने कहा, "पारंपरिक डेटा स्रोत दर्शाते हैं कि हम कहां हैं, वैकल्पिक डेटा स्रोत संकेत देते हैं कि हम किस ओर आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि, वैकल्पिक डेटा स्रोत बहुत सूक्ष्‍म स्तर पर वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करते हैं लेकिन वे पारंपरिक डेटा स्रोतों की जगह नहीं ले सकते हैं।"

इस दो दिवसीय कार्यशाला में केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, विश्व बैंक सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों, शैक्षणिक तथा शोध संस्थानों और निजी क्षेत्र की संस्थाओं के 450 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

प्रोफेसर सूद ने वैकल्पिक डेटा स्रोतों का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किए गए अलग-अलग उपयोग मामलों का जिक्र किया।

साथ ही उन्होंने नई तकनीकों के प्रभावी उपयोग के लिए सरकार, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, उद्योग और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने एआई के नैतिक उपयोग का भी आह्वान किया और कहा कि डेटा सुरक्षा और गोपनीयता चिंताओं से समझौता नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, "डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए तकनीकी-कानूनी ढांचे का विकास विश्‍व को भारत का एक उपहार है।"

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि नीति निर्माण एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें डेटा एकत्र करना, हितधारकों से परामर्श करना और गहन विश्‍लेषण करना शामिल है।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने कहा कि नीति निर्माण में डेटा की आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए एक मजबूत सांख्यिकीय प्रणाली विकसित करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग बढ़ाने की जरूरत है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले 3-6 महीनों में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय वैकल्पिक डेटा स्रोतों और अग्रणी प्रौद्योगिकियों के एप्लीकेशन का इस्तेमाल करने के लिए पहचाने गए कुछ उपयोग मामलों को लागू कर पाएगा।

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Created On :   7 Jun 2025 2:52 PM IST

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