ऑस्ट्रेलियाई इंजीनियरों ने बनाया ऐसा बिल्डिंग मटेरियल जिससे कार्बन उत्सर्जन होता है कम

सिडनी, 22 सितम्बर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया में इंजीनियरों ने कार्डबोर्ड, मिट्टी और पानी से बने रीयूज और रीसाइकल होने वाले नए बिल्डिंग मटेरियल बनाए हैं। दावा है कि इससे कंक्रीट के मुकाबले कार्बन उत्सर्जन करीब एक चौथाई कम होता है।
ऑस्ट्रेलिया के रॉयल मेलबर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आरएमआईटी) की ओर से सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार, 'कार्डबोर्ड-कंफाइन्ड रैम्ड अर्थ' नामक यह सामग्री, निर्माण के कार्बन फुटप्रिंट को महत्वपूर्ण रूप से कम कर सकती है, साथ ही लैंडफिल में जाने वाले कचरे को भी कम कर सकती है।
बयान में कहा गया है कि यह सामग्री, जो सीमेंट की आवश्यकता को समाप्त करती है, कंक्रीट के मुकाबले कार्बन उत्सर्जन कम करती है, जबकि इसकी लागत एक तिहाई से भी कम है।
ब्रिटिश जर्नल स्ट्रक्चर्स में प्रकाशित अध्ययन के प्रमुख लेखक और आरएमआईटी के शोधकर्ता मा जियामिंग ने कहा, "केवल कार्डबोर्ड, मिट्टी और पानी का उपयोग करके, हम दीवारों को इतना मजबूत बना सकते हैं कि वे कम ऊंचाई वाली इमारतों को सहारा दे सकें।"
एक अलग अध्ययन में, 'मा' ने कार्बन फाइबर को रैम्ड अर्थ के साथ मिलाकर देखा और पाया कि हाई-परफॉर्मेंस कंक्रीट के बराबर मजबूती हासिल की।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मा ने कहा कि यह नवाचार स्थानीय रूप से प्राप्त, रीसाइकल योग्य सामग्रियों का उपयोग करके भवन डिजाइन और निर्माण में क्रांति ला सकता है।
उन्होंने कहा कि गर्म जलवायु के लिए विशेष रूप से उपयुक्त, रैम्ड अर्थ इमारतें स्वाभाविक रूप से आंतरिक तापमान और आर्द्रता को नियंत्रित करती हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि इस विधि में निर्माण स्थल पर ही कार्डबोर्ड फॉर्मवर्क के अंदर मिट्टी और पानी के मिश्रण को मिलाया जाता है। निर्माण स्थल पर ही सारी प्रक्रिया होने से भारी निर्माण सामग्री के परिवहन की आवश्यकता कम हो जाती है।
ऑस्ट्रेलिया हर साल 22 लाख टन से ज्यादा कार्डबोर्ड और कागज लैंडफिल में भेजता है, जबकि सीमेंट और कंक्रीट उत्पादन वार्षिक वैश्विक उत्सर्जन का लगभग 8 प्रतिशत है।
आरएमआईटी टीम ने कहा कि इस नवाचार से प्रचुर मात्रा में लाल मिट्टी वाले क्षेत्रों में दूरस्थ निर्माण को लाभ हो सकता है।
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Created On :   22 Sept 2025 5:14 PM IST