बॉलीवुड: भारत की पहली एआई सीरीज 'काल नगरी', चेतन हंसराज बोले 'हमने सिर्फ सोचा नहीं, कर दिखाया'

मुंबई, 24 जून (आईएएनएस)। टीवी एक्टर चेतन हंसराज ने अपने नए शो 'काल नगरी' के बारे में बात की है। उन्होंने कहा है कि यह शो सिर्फ एक आम टीवी शो नहीं है, बल्कि यह कुछ नया और अलग है। इस शो की कहानी, तरीके और तकनीक ऐसी हैं जो अब तक भारत में कम देखने को मिली हैं। यह शो भारतीय टीवी इंडस्ट्री को आगे ले जाएगा और दर्शकों को कुछ नया अनुभव देगा।
'काल नगरी' भारत की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से बनी सीरीज है। यह शो भारत के लिए नया कदम है, जो दिखाता है कि भारत भी नई और एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके शानदार कहानियां बना सकता है।
चेतन ने कहा कि उन्हें इस शो का हिस्सा बनने पर गर्व है, क्योंकि यह शो किसी विदेशी ट्रेंड को कॉपी नहीं करता, बल्कि खुद एक नया रास्ता दिखाता है। यह शो भारत के एंटरटेनमेंट में एक नई मिसाल है।
चेतन ने कहा, ''लोग पहले सिर्फ सोचते थे कि 'कभी ना कभी ऐसा कुछ बनाएंगे,' लेकिन हमने न केवल सोचा बल्कि इसे सच में करके भी दिखाया। हमने भारत को एआई से बनी कहानियों में दुनिया के नक्शे पर ला दिया है। हमें किसी अन्य देश का इंतजार नहीं था कि वो पहले कुछ बनाए और फिर हम उनकी नकल करें। हमने सोचा कि क्यों न खुद ही सबसे पहले कुछ नया करें और हमने कर दिखाया।''
'ब्रह्मराक्षस' शो के एक्टर ने खुलासा किया कि 'काल नगरी' को सिर्फ ढाई महीने में पूरा किया गया। इस शो में बेहद छोटी सी टीम शामिल है, जिसमें 8 से 9 कलाकार शामिल हैं, जिनकी उम्र करीब 20–25 साल है। सभी ने दिन-रात मेहनत की, ताकि शो को इतने कम समय में पूरा किया जा सके। सभी की मेहनत की वजह से इतना बड़ा प्रोजेक्ट इतने कम समय में बन पाया।
'काल नगरी' की कहानी काल्पनिक और भविष्य के एक शहर पर आधारित है।
इस पर चेतन ने कहा, ''हमने कल्पना की कि आज की मुंबई 30–40 साल बाद कैसी होगी, और अगर कोई गैंग पूरे शहर पर राज करने लगे तो क्या होगा? यहीं से 'काल नगरी' की दुनिया की शुरुआत हुई। इस कहानी में तीन मुख्य किरदार, एक पत्रकार, एक जासूस और एक ईमानदार पुलिस अफसर हैं। ये तीनों मिलकर उस ताकतवर अपराधी गैंग से लड़ते हैं जिसने पूरे शहर में डर और कब्जा फैलाकर रखा हुआ है।''
एक्टर ने बताया कि शुरुआत में 'काल नगरी' बनाना बहुत मुश्किल था। उन्होंने कहा, "शुरू में हम बहुत डरे हुए थे। कुछ भी सही नहीं हो रहा था। हर चीज में हमें नाकामी मिल रही थी। लेकिन फिर धीरे-धीरे चीजें समझ आनी लगीं। पहले महीने में हमें कई सीन्स को दोबारा शूट करने पड़े। लेकिन जब चीजें समझ आ गईं, तो काम आसान और मजेदार हो गया।"
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Created On :   24 Jun 2025 1:21 PM IST