अपराध: मध्य प्रदेश से जुड़े चिटफंड कंपनी के तार, पांच गिरफ्तार

मध्य प्रदेश से जुड़े चिटफंड कंपनी के तार, पांच गिरफ्तार
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में पैसा दोगुना करने का लालच देकर धोखाधड़ी करने वाली एक चिटफंड कंपनी का पर्दाफाश हुआ है। कंपनी के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया और चार करोड़ से अधिक की संपत्ति को भी सीज किया गया है।

भोपाल, 9 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में पैसा दोगुना करने का लालच देकर धोखाधड़ी करने वाली एक चिटफंड कंपनी का पर्दाफाश हुआ है। कंपनी के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया और चार करोड़ से अधिक की संपत्ति को भी सीज किया गया है।

टीकमगढ़ के पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने शुक्रवार को बताया कि लस्टीनेस जनहित क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (एलजेसीसी) के अजय तिवारी, राहुल यादव, जियालाल राय, विजय शुक्ला की गिरफ्तारी हुई है। इन आरोपियों के पास से 4.15 करोड़ से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति भी जब्त की गई है। इनके पास 76 बैंक खातों से 3.29 करोड़ की संपत्ति भी है।

पुलिस अधीक्षक ने आगे बताया कि यह लोग एलजेसीसी कंपनी के माध्यम से स्वयं और समीर अग्रवाल, रवि तिवारी, आलोक जैन तथा अन्य लोगों के साथ मिलकर साल 2012 से एक संगठित गिरोह के रूप में काम कर रहे थे और लोगों से पैसों की ठगी कर रहे थे। पकड़े गए लोगों में अजय तिवारी और सुबोध रावत ने टीकमगढ़ में ही करोड़ों रुपए की संपत्ति और एफडी अपने तथा परिजनों के नाम बनाई है।

आरोपियों ने बीते 12 साल में लोगों से ठगी की बात स्वीकार की है। इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड समीर अग्रवाल है, जो मुंबई का रहने वाला है। इस समय वह दुबई में है। इसके अलावा रवि तिवारी, आलोक जैन, सुतीक्ष्ण सक्सेना, अजय तिवारी और सुबोध रावत शामिल है। इन लोगों ने सात अलग-अलग नाम से समिति बनाई है।

पुलिस के मुताबिक दो प्रमुख आरोपी सुबोध रावत और अजय तिवारी मूल रूप से ललितपुर के निवासी हैं। इन लोगों ने वर्ष 2012 से 2024 तक नौ राज्यों में इन कंपनियों के माध्यम से करीब 1,600 करोड़ रुपए का निवेश किया है।

इन्होंने ललितपुर जिले मे एलयूसीसी नाम की कंपनी बनाकर भी करोड़ों रुपए की ठगी की है। इस मामले में आलोक जैन, नीरज जैन और जगत सिंह की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है, वहीं गुरुवार को राहुल तिवारी को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले आलोक जैन को गिरफ्तार किया गया था, जिसके पास से पुलिस को लगभग 500 करोड़ की संपत्ति का लेखा-जोखा मिला था।

सूत्रों का कहना है कि चिटफंड के कारोबार में शामिल लोगों ने बीते एक दशक में हजारो लोगों को अपना शिकार बनाया है और उनके हजारो करोड़ों की रकम हड़पी है। इन लोगों ने भोपाल, इंदौर और मुंबई समेत कई प्रमुख शहरों में बड़े पैमाने पर जमीन खरीदी है और वहां पर टाउनशिप भी बना रहे हैं। पुलिस यह सारा ब्योरा जुटा रही है।

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Created On :   9 Aug 2024 4:36 PM IST

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