त्योहारों में साइबर फ्रॉड से बचें शॉपिंग और पेमेंट के समय रखें खास सावधानी

त्योहारों में साइबर फ्रॉड से बचें शॉपिंग और पेमेंट के समय रखें खास सावधानी
त्योहारों का मौसम आते ही बाजार से लेकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तक रौनक बढ़ जाती है। लोग कपड़े, गिफ्ट, इलेक्ट्रॉनिक्स और डेकोरेशन की खरीदारी करते हैं। ऑनलाइन ऑफर्स और भारी डिस्काउंट देखकर उपभोक्ता तेजी से ई-कॉमर्स वेबसाइट्स और ऐप्स की ओर आकर्षित होते हैं। लेकिन इसी दौरान साइबर अपराधी भी सबसे ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। वे नकली वेबसाइट, फर्जी ऑफर और पेमेंट स्कैम के जरिए लोगों को निशाना बनाते हैं।

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। त्योहारों का मौसम आते ही बाजार से लेकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तक रौनक बढ़ जाती है। लोग कपड़े, गिफ्ट, इलेक्ट्रॉनिक्स और डेकोरेशन की खरीदारी करते हैं। ऑनलाइन ऑफर्स और भारी डिस्काउंट देखकर उपभोक्ता तेजी से ई-कॉमर्स वेबसाइट्स और ऐप्स की ओर आकर्षित होते हैं। लेकिन इसी दौरान साइबर अपराधी भी सबसे ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। वे नकली वेबसाइट, फर्जी ऑफर और पेमेंट स्कैम के जरिए लोगों को निशाना बनाते हैं।

भारतीय राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के मुताबिक, त्योहारों के मौसम में ऑनलाइन फ्रॉड मामलों में औसतन 35 से 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी दर्ज की जाती है। सिर्फ 2023 में ही देशभर में साइबर फ्रॉड से जुड़े 14 लाख से ज्यादा केस दर्ज हुए, जिनमें से लगभग 22 फीसदी मामले ई-कॉमर्स और यूपीआई पेमेंट से जुड़े थे।

ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर साइबर फ्रॉड किस तरह के होते हैं। डिजिटल युग में जब ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज शबाब पर है तो भारी डिस्काउंट दिखाकर ऑर्डर लेने वाले फ्रॉड हो सकते हैं, तो ऐसे नकली शॉपिंग वेबसाइट्स और ऐप्स से बचना जरूरी है।

फिशिंग ईमेल और मैसेज भी धोखाधड़ी का संकेत देते हैं। इसमें बैंक या ई-कॉमर्स कंपनी के नाम पर लिंक भेजकर पासवर्ड और कार्ड डिटेल्स चुरा लिए जाते हैं और ग्राहक को कभी-कभी हजारों का चुना लग जाता है। इन दिनों व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम पर 'फ्री गिफ्ट' या 'लकी ड्रॉ' का झांसा देकर ग्राहकों को फंसाया जाता है। तो फिर बचा कैसे जाए?

साइबर सेल के मुताबिक कुछ उपाय हैं जिनसे किसी भी धोखे से बचा जा सकता है। सबसे सटीक यही होगा कि सिर्फ भरोसेमंद और आधिकारिक वेबसाइट/ऐप से ही खरीदारी करें। अगर कोई 70-80 फीसदी से ज्यादा डिस्काउंट ऑफर कर रहा है तो सतर्क रहें। पब्लिक वाई-फाई पर कभी भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन न करें। यूपीआई पेमेंट और क्यूआर कोड स्कैन करते समय पूरा ध्यान रखें। जैसा कि साइबर सेल हमेशा कहता है और इसे लेकर विज्ञापन भी समय-समय पर जारी करता है कि ओटीपी, कार्ड नंबर और पिन किसी से शेयर न करें। और सबसे जरूरी बात, अगर धोखा हो ही जाए तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।

त्योहार खुशियों और उमंग का समय होता है, लेकिन यही समय साइबर अपराधियों के लिए भी सुनहरा मौका बन जाता है। थोड़ी सी सतर्कता और डिजिटल सावधानी अपनाकर आप न केवल अपनी मेहनत की कमाई बचा सकते हैं बल्कि त्योहार का आनंद भी बिना किसी तनाव के उठा सकते हैं।

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Created On :   23 Sept 2025 8:37 PM IST

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