राष्ट्रीय: कर्नाटक : दलित महिला परेड मामले में पुलिस 1,500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल करेगी

कर्नाटक : दलित महिला परेड मामले में पुलिस 1,500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल करेगी
आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) की विशेष शाखा कर्नाटक के बेलगावी जिले के एक गांव में दलित महिला के परेड मामले में अदालत में आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी कर रही है।

बेंगलुरु, 24 जनवरी (आईएएनएस)। आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) की विशेष शाखा कर्नाटक के बेलगावी जिले के एक गांव में दलित महिला के परेड मामले में अदालत में आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी कर रही है।

सूत्रों ने बुधवार को बताया कि अधिकारियों ने जांच पूरी कर ली है। वह 1,500 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं। 45 लोगों को चश्मदीद गवाह माना गया है और तकनीकी सबूत भी जुटाए गए हैं।

सीआईडी की विशेष टीमें 15 दिनों तक बेलगावी में तैनात रहीं। जांच से पता चला कि आरोपी व्यक्ति इसे बर्दाश्त नहीं कर सके कि उनकी बेटी पीड़िता के बेटे के साथ भाग गई थी। दरअसल, लड़की की सगाई हो चुकी थी और शादी होने वाली थी।

आरोपियों ने मान लिया था कि उन्होंने अपनी बेटी के कृत्य से मान-सम्मान खो दिया है। वह रिश्तेदारों के उकसावे में आ गए। आरोपियों ने यह भी सोचा कि लड़की का भागना लड़के के परिवार द्वारा उन्हें अपमानित करने के लिए जानबूझकर किया गया कृत्य था।

सीआईडी टीम को क्षेत्राधिकारी काकाथी पुलिस स्टेशन से भी रिपोर्ट मिली, जिसने शुरुआत में मामले की जांच की थी। हाईकोर्ट के निर्देशानुसार, सीआईडी अधिकारियों ने उन लोगों से भी पूछताछ की थी जो मोबाइल फोन पर घटना देखते हुए कैद हुए थे।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीड़िता, घटना की चश्मदीद एक बुजुर्ग महिला और डॉक्टर के बयान दर्ज किए गए हैं और जांच एजेंसी उन्हें महत्वपूर्ण मान रही है। सीआइडी के एडीजीपी बिजय कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने जांच की है।

10 दिसंबर 2023 को एक 42 वर्षीय महिला को उसके घर के बाहर घसीटा गया। इतना ही नहीं उसे न्यूड किया गया और परेड करायी गयी। इसके बाद आरोपियों ने उसे बिजली के खंभे से बांधकर उसकी कथित तौर पर पिटाई भी की थी। दरअसल, पीड़िता का बेटा गांव की एक लड़की को लेकर फरार हो गया था। इसलिए लड़की के परिजनों ने इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया था।

यह घटना कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के लिए एक झटका साबित हुई, क्योंकि यह बेलगावी के सुवर्ण सौधा में शीतकालीन विधानसभा सत्र के दौरान हुई थी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने घटना को रोकने में पुलिस विभाग की विफलता के लिए पहले सरकार की कड़ी आलोचना की थी।

बता दें कि मामले की जांच विशेष शाखा आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) कर रही है। पुलिस ने मामले में एक नाबालिग समेत सभी 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। राज्य सरकार ने पीड़िता को दो एकड़ जमीन दी थी।

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Created On :   24 Jan 2024 8:19 PM IST

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