अर्थव्यवस्था: बढ़ते निर्यात से चालू खाता घाटा जीडीपी के 1 प्रतिशत से कम होने की उम्मीद
नई दिल्ली, 27 मार्च (आईएएनएस)। प्रभुदास लीलाधर के अनुसंधान निदेशक अमनीश अग्रवाल का कहना है कि बढ़ते निर्यात के साथ-साथ कम हो रहे आयात के कारण चालू खाते का घाटा जीडीपी के 1 प्रतिशत से नीचे आने की उम्मीद है।
वैश्विक निर्यात मांग में तेजी के कारण वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा कम होकर 10.5 बिलियन डॉलर (जीडीपी का 1.2 प्रतिशत) हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में यह 16.8 बिलियन डॉलर (जीडीपी का 2.0 प्रतिशत) था।
तेल समेत दूसरे कमोडिटी की कीमतों में नरमी और रुपये की मजबूती से आयात बिल नियंत्रित हुआ है। इसके अलावा, सर्विसेज और विदेशों से आने वाले पैसे ने चालू खाता को समर्थन प्रदान किया है।
एफडीआई और एफपीआई प्रवाह से भी उछाल में मदद मिली। इसके अलावा, विश्लेषक ने कहा कि घरेलू स्तर पर मजबूत इकोनोमिक फंडामेंटल से निवेश की संभावनाओं में सुधार के कारण एफडीआई प्रवाह में तेजी आने की उम्मीद है।
आगे देखते हुए, भारत के भुगतान संतुलन की स्थिति स्थिर रहने की संभावना है। मजबूत घरेलू परिस्थितियां वैश्विक प्रतिकूलताओं पर भारी पड़ सकती हैं।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमामही में चालू खाता घाटा में कमी बेहतर सेवा निर्यात और प्राइवेट ट्रांसफर के साथ उच्च व्यापार घाटे की भरपाई को दर्शाती है। बड़े पैमाने पर एफपीआई प्रवाह और बैंकिंग पूंजी में लगातार सुधार के साथ तीसरी तिमाही में सीएडी फंडिंग सुचारू रही है।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|
Created On :   27 March 2024 5:05 PM IST