विज्ञान/प्रौद्योगिकी: भारत के निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था अगस्त में रिकॉर्ड तेजी से बढ़ रही रिपोर्ट

नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, नए ऑर्डरों में वृद्धि और मजबूत मांग के कारण, भारत के निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था अगस्त में रिकॉर्ड तेजी से बढ़ी।
एचएसबीसी के फ्लैश परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स सर्वे के अनुसार, एचएसबीसी फ्लैश इंडिया कंपोजिट आउटपुट इंडेक्स अगस्त में बढ़कर 65.2 हो गया, जो जुलाई में 61.1 था।
अगस्त के लिए फाइनल पीएमआई डेटा अगले महीने रिलीज होगा।
एचएसबीसी फ्लैश इंडिया कंपोजिट आउटपुट इंडेक्स विनिर्माण और सेवाओं में संयुक्त गतिविधि को मासिक आधार पर ट्रैक करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2005 में सर्वे शुरू होने के बाद से इस वर्ष अगस्त के आंकड़े विकास की सबसे तेज गति को दर्शाते हैं।
यह तेजी बिक्री की मात्रा में रिकॉर्ड वृद्धि के कारण हुई, क्योंकि व्यवसायों ने घरेलू और विदेशी मांग में तेजी की जानकारी दी।
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि एशिया, मध्य पूर्व, यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका से नए रोजगार के मजबूत प्रवाह ने इस तेजी को बढ़ावा दिया।
इस बीच, एचएसबीसी फ्लैश इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई जुलाई के 59.1 से बढ़कर अगस्त में 59.8 हो गया, जो जनवरी 2008 के बाद से सबसे अधिक है।
यह सूचकांक फैक्टरी की स्थिति में तेजी से सुधार का संकेत देता है, जो नए ऑर्डर, उत्पादन, रोजगार, सप्लायर्स के डिलीवरी समय और इन्वेंट्री पर नजर रखता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बीच, एचएसबीसी फ्लैश इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स जुलाई के 60.5 से बढ़कर 65.6 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो सेवा गतिविधि में तेजी से विस्तार का संकेत देता है।
एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, "सेवा क्षेत्र का फ्लैश पीएमआई 65.6 के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया, जिसकी वजह निर्यात और घरेलू दोनों तरह के नए व्यावसायिक ऑर्डर में तेजी से बढ़ोतरी रही। नए घरेलू ऑर्डर में तेज वृद्धि की वजह से मैन्युफैक्चरिंग फ्लैश पीएमआई और बढ़कर 60 के स्तर के करीब पहुंच गया।"
भंडारी ने आगे कहा कि निर्यात ऑर्डर वृद्धि जुलाई के स्तर पर स्थिर रही, लेकिन उत्पादन कीमतों में इनपुट लागत की तुलना में तेजी से वृद्धि होने से मार्जिन में सुधार हुआ।
यह मजबूत पीएमआई रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब भारत आने वाले दशकों में 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि देश की विकास रणनीति तेजी से विनिर्माण क्षमता के विस्तार पर केंद्रित है, जिसमें सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन, रिन्यूएबल एनर्जी और रक्षा जैसे क्षेत्र प्रमुख प्रेरक बनकर उभर रहे हैं।
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Created On :   22 Aug 2025 12:43 PM IST