शिक्षा: जेजीयू डीन कैम्ब्रिज इंटरनेशनल के एसएचईएसी में नियुक्त होने वाली पहली भारतीय अकादमिक बनीं

जेजीयू डीन कैम्ब्रिज इंटरनेशनल के एसएचईएसी में नियुक्त होने वाली पहली भारतीय अकादमिक बनीं
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) में एडमिशन और आउटरीच विभाग की डीन प्रोफेसर (डॉ.) उपासना महंता को ‘कैम्ब्रिज इंटरनेशनल’ द्वारा बनाई गई एक विशेष अंतरराष्ट्रीय शिक्षा परिषद (एसएचईएसी) में चुना गया है। यह पहली बार है जब कोई भारतीय इस वैश्विक परिषद में शामिल हुआ है।

सोनीपत, 19 मई (आईएएनएस)। ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) में एडमिशन और आउटरीच विभाग की डीन प्रोफेसर (डॉ.) उपासना महंता को ‘कैम्ब्रिज इंटरनेशनल’ द्वारा बनाई गई एक विशेष अंतरराष्ट्रीय शिक्षा परिषद (एसएचईएसी) में चुना गया है। यह पहली बार है जब कोई भारतीय इस वैश्विक परिषद में शामिल हुआ है।

एसएचईएसी दुनिया की कुछ सबसे नामी यूनिवर्सिटीज जैसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, एमआईटी, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, टोरंटो यूनिवर्सिटी और मोनाश यूनिवर्सिटी के उच्च पदों पर बैठे शिक्षा विशेषज्ञों को एक साथ लाती है। इसका उद्देश्य यह तय करना है कि कैम्ब्रिज की डिग्रियां और परीक्षाएं आज की बदलती दुनिया में कितनी उपयोगी और मान्य हैं, और उन्हें आगे कैसे बेहतर बनाया जाए।

प्रो. महंता की नियुक्ति यह दिखाती है कि भारत अब वैश्विक शिक्षा जगत में अहम भूमिका निभा रहा है। एसएचईएसी में भारत की भागीदारी से ग्लोबल साउथ के देशों की सोच और जरूरतों को भी ध्यान में रखा जाएगा। प्रो. महंता का अनुभव और नेतृत्व भारत की छवि को और मजबूत बनाएगा। यह नियुक्ति, जो किसी भारतीय शिक्षाविद के लिए पहली है, शिक्षा के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों को वैश्विक मान्यता दिलाने में मदद करेगी।

प्रो. महंता ने कहा, "यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है कि मैं दुनिया भर के शिक्षाविदों और नीति-निर्माताओं के साथ इस मंच पर काम करूंगी। मैं न केवल जेजीयू का प्रतिनिधित्व करने के अवसर के रूप में देखती हूं, बल्कि भारत और ग्लोबल साउथ में छात्रों और शिक्षकों की आकांक्षाओं का भी प्रतिनिधित्व करती हूं। आज शिक्षा का रूप बहुत तेजी से बदल रहा है और यह जरूरी है कि इसमें सभी की आवाज शामिल हो।"

इस खबर पर टिप्पणी करते हुए जेजीयू के संस्थापक कुलपति प्रो. (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा, "यह भारत और हमारी यूनिवर्सिटी दोनों के लिए गर्व का क्षण है। प्रो. उपासना महंता की नियुक्ति यह दिखाती है कि हम जो मूल्य और शिक्षा की समावेशी सोच लेकर आगे बढ़ रहे हैं, वह पूरी दुनिया में सराही जा रही है। ग्लोबल साउथ के एक विश्वविद्यालय के रूप में हमें गर्व है कि हमारी आवाज अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के भविष्य को आकार देने में मदद करेगी।”

तेजी से हो रहे बदलाव के दौर में आज जब शिक्षा प्रणाली में तकनीक, जलवायु परिवर्तन, और वैश्विक बदलावों का असर पड़ रहा है, तब प्रतिनिधित्व पहले से कहीं अधिक मायने रखता है। यह नियुक्ति इस बात की याद दिलाती है कि शिक्षा के क्षेत्र में कुछ सबसे महत्वपूर्ण विचार, नवाचार और नेतृत्व भारत जैसे स्थानों से आ रहे हैं। डॉ. महंत का एसएचईएसी में चयन भारत के लिए एक बड़ा कदम है क्योंकि इससे शिक्षा क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज उठाने की देश की क्षमता बढ़ेगी।

ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी भारत में एक अग्रणी यूनिवर्सिटी बन चुकी है, जो छात्रों को केंद्र में रखकर पढ़ाई और एडमिशन की प्रक्रिया को आसान और समावेशी बना रही है। 2009 में शुरू हुई यह यूनिवर्सिटी अब भारत की सबसे प्रतिष्ठित प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में से एक है, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी पहचान है। इसे भारत सरकार द्वारा ‘इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा भी मिला है। जेजीयू में 12 स्कूल हैं, दुनिया भर में 500 से अधिक अकादमिक साझेदारियां, तथा कानून, कला, अंतरराष्ट्रीय मामले और सामाजिक विज्ञान में इसकी बहुत अच्छी पहचान है।

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Created On :   19 May 2025 1:15 PM IST

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