राजनीति: ममता बनर्जी अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोटर लिस्ट से हटाए जाने की वजह से डर रही हैं भाजपा

ममता बनर्जी अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोटर लिस्ट से हटाए जाने की वजह से डर रही हैं  भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के नए मतदाता सूची संशोधन नियमों पर नकारात्मक टिप्पणियां उनके डर को दिखा रही हैं। उन्हें डर है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का उनका समर्पित वोट बैंक खत्म हो सकता है।

कोलकाता, 27 जून (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के नए मतदाता सूची संशोधन नियमों पर नकारात्मक टिप्पणियां उनके डर को दिखा रही हैं। उन्हें डर है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का उनका समर्पित वोट बैंक खत्म हो सकता है।

गुरुवार को ममता बनर्जी ने कहा कि ईसीआई के नए दिशानिर्देश इस साल बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जारी किए गए हैं, लेकिन वास्तव में ये नियम मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल को निशाना बनाते हैं, जहां अगले साल चुनाव होने हैं।

उन्होंने यह भी आशंका जताई कि ये नए नियम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने की दिशा में एक कदम हो सकते हैं।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री को यह डर सता रहा है कि लंबे समय से उनका समर्पित वोट बैंक रहे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए, जिनमें रोहिंग्या पृष्ठभूमि वाले लोग भी शामिल हैं, उनको अब हटाया जाएगा और इसलिए वे आयोग पर हमला कर रही हैं।

उन्होंने कहा, "हम ईसीआई के दिशानिर्देशों का स्वागत करते हैं। हम चाहते हैं कि मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ा जाए। हम बायोमेट्रिक चाहते हैं। मुख्यमंत्री को डर सता रहा है, क्योंकि उनके समर्पित वोट बैंक के कई लोग अब ईसीआई की पहल के कारण हटाए जाएंगे।"

हाल ही में दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप उप-मंडल के न्यूटन दास नाम के व्यक्ति को आयोग ने भारत और बांग्लादेश दोनों की मतदाता सूचियों में शामिल पाया। इसके बाद उनका नाम भारत की मतदाता सूची से हटा दिया गया।

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने भी मुख्यमंत्री के ईसीआई के नियमों पर डर को लेकर उनकी टिप्पणियों पर तंज कसा।

उनके अनुसार, मुख्यमंत्री का यह आरोप कि ईसीआई के दिशानिर्देश एनआरसी लागू करने का पहला कदम है, यह हैरान करने वाला और गैर-जिम्मेदाराना है, क्योंकि आयोग की ऐसी प्रक्रियाएं वैधानिक और नियमित हैं, जिनका उद्देश्य बंगाल की मतदाता सूचियों में शामिल किया जाना था।

उन्होंने दावा करते हुए कहा, "ममता बनर्जी क्यों घबरा रही हैं? क्या उन्हें इस बात की चिंता है कि उन्होंने वर्षों से अनियंत्रित घुसपैठ और तुष्टिकरण के जरिए बनाया हुआ फर्जी वोट बैंक अब जांच के दायरे में है?"

मालवीय ने एक बयान में कहा, "स्वच्छ और सटीक मतदाता सूची सुनिश्चित करना एनआरसी नहीं है। यह चुनावी अखंडता है। केवल वे लोग सिस्टम की सफाई से डरते हैं जो अवैध वोटों पर फलते-फूलते हैं।"

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Created On :   27 Jun 2025 1:56 PM IST

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