आपदा: राष्ट्रपति ने प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान पर जताया दुख, लोगों से एकजुट रहने की अपील

राष्ट्रपति ने प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान पर जताया दुख, लोगों से एकजुट रहने की अपील
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को मानसून के दौरान देश में हुई प्राकृतिक आपदाओं पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना जताते हुए लोगों से एकजुटता का आह्वान किया। साथ ही इस संकट की घड़ी में राहत बचाव कार्यों में जुटी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की सराहना की।

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को मानसून के दौरान देश में हुई प्राकृतिक आपदाओं पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना जताते हुए लोगों से एकजुटता का आह्वान किया। साथ ही इस संकट की घड़ी में राहत बचाव कार्यों में जुटी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की सराहना की।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट किया, "बादल फटने और बाढ़ जैसी आपदाओं ने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, असम सहित देश के कई हिस्सों में भारी तबाही मचाई है। इन आपदाओं के कारण जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।" उन्होंने पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

राष्ट्रपति ने लिखा, "इस साल मानसून के दौरान प्राकृतिक आपदाओं की खबरों ने मुझे बहुत दुखी किया। पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने और मैदानी इलाकों में बाढ़ ने भारी विनाश किया है।"

उन्होंने राष्ट्र की ओर से प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता दिखाई और इस संकट की घड़ी में उनके साथ खड़े होने का आश्वासन दिया। उन्होंने लिखा, "राष्ट्र प्रभावित लोगों के दुख में शामिल है और इस संकट की घड़ी में उनके साथ है।"

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्यों में लगे लोगों के समर्पण और जज्बे की भी सराहना की। उन्होंने कहा, "मैं उन सभी के प्रयासों को सलाम करती हूं जो इस मुश्किल समय में लोगों की मदद के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।" साथ ही उन्होंने देशवासियों से एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करने का आह्वान किया।

बता दें कि हाल के दिनों में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में बादल फटने की घटनाएं और मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ ने कई परिवारों को बेघर कर दिया है। केंद्र और राज्य सरकारें राहत कार्यों में जुटी हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ जैसी टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं। प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।

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Created On :   5 Sept 2025 6:04 PM IST

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