राजनीति: महागठबंधन नेताओं को पढ़ना चाहिए इतिहास, सीएम आवास से चलता था अपराध दिलीप जायसवाल

महागठबंधन नेताओं को पढ़ना चाहिए इतिहास, सीएम आवास से चलता था अपराध  दिलीप जायसवाल
कानून-व्यवस्था को लेकर 'इंडिया' ब्लॉक के नेताओं की ओर से मार्च निकाले जाने को लेकर बिहार सरकार के मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने विपक्ष को उसके शासनकाल का आइना दिखाया है।

पटना, 21 जुलाई (आईएएनएस)। कानून-व्यवस्था को लेकर 'इंडिया' ब्लॉक के नेताओं की ओर से मार्च निकाले जाने को लेकर बिहार सरकार के मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने विपक्ष को उसके शासनकाल का आइना दिखाया है।

जायसवाल ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं को कोई नैतिक अधिकार नहीं है कि वे अपराध के बारे में बोलें। हमारे गृह विभाग ने आंकड़ा जारी किया है कि बिहार में पहले से अपराध कम हुआ है। महागठबंधन के नेताओं को पुराना इतिहास पढ़ना चाहिए। राजद सरकार के दौरान किस तरह मुख्यमंत्री आवास से अपहरण का समझौता हुआ करता था और अपराध मुख्यमंत्री आवास से चलता था, यह सब जानते हैं।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष की राजनीतिक दुकानदारी बंद हो गई है। विपक्ष में बैठे लोग कोई न कोई मुद्दा खोजेगे। जब राजनीति में कोई सत्ता से हट जाता है तो उसकी दुकानदारी बंद हो जाती है। यह सब राजनीतिक दुकानदारी चलाने का हथकंडा है। नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में कानून का राज है। अपराधी अपराध करने के बारे में सोच नहीं सकता। कानून के तहत अपराधियों को सजा मिलती है।

जीतन राम मांझी के बयान पर दिलीप जायसवाल ने कहा कि उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि नीतीश कुमार एक "ऐसे नेता हैं, जिन्होंने मुझे मुख्यमंत्री बनाया"। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता जाहिर की है।

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की जातीय जनगणना की मांग पर उन्होंने कहा कि जनगणना हो जाने में दिक्कत क्या है? सभी जाति के लोगों को सम्मान से जीने का अधिकार है। इससे पता चलेगा कि कौन सी जातियां विकास की मुख्यधारा से वंचित है। "सबका साथ, सबका विकास" पीएम मोदी का नारा है। हम चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो जाए।

बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र को लेकर उन्होंने कहा कि कल से मानसून सत्र शुरू हो रहा है। कल से विपक्ष का नाच-गाना शुरू होगा। उनके नेता जितना सिखाएंगे उतना नाच-गाना वे लोग करेंगे। विपक्ष विरोध करेगा, लेकिन सरकार अपना काम करेगी।

कांवड़ विवाद को लेकर दिलीप जायसवाल ने कहा कि जब हिंदू और सनातन धर्म के लोग कांवड़ लेकर चलते हैं तो सबको पता है कि मांस-मछली या किसी प्रकार की चीजों का सेवन नहीं करते हैं। हमारे मुसलमान भाई उस चीज का पालन करें, जिससे हमारी श्रद्धा बनी रहे। कोई भी श्रद्धालु कांवड़ लेकर निकलता है तो उसके दिल में रहता है कि हम श्रद्धा के साथ बाबा को जल चढ़ाएं। इसमें कोई जाति-धर्म की बात नहीं है। बात यह है कि इसमें श्रद्धा होनी चाहिए।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   21 July 2024 5:13 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story