राष्ट्रीय: रांची में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर रक्षा राज्य मंत्री ने प्रदेश सरकार को घेरा

रांची में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर रक्षा राज्य मंत्री ने प्रदेश सरकार को घेरा
रांची में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार पर रविवार को रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि मैंने बीते 60 वर्षों में इस तरह से रांची की बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था नहीं देखी है। रांची में बदमाशों के हौसले बुलंद हैं। डीएसपी की हत्या हो जाती है, वकील, इंसपेक्टर को मार दिया जाता है। यह रांची में क्या चल रहा है।

रांची, 4 अगस्त (आईएएनएस)। रांची में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार पर रविवार को रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि मैंने बीते 60 वर्षों में इस तरह से रांची की बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था नहीं देखी है। रांची में बदमाशों के हौसले बुलंद हैं। डीएसपी की हत्या हो जाती है, वकील, इंसपेक्टर को मार दिया जाता है। यह रांची में क्या चल रहा है।

अगर ऐसे ही यहां की कानून व्यवस्था रहेगी तो कौन यहां पर निवेश करने के लिए आएगा। उन्होंने कहा कि एसी रूम से कानून व्यवस्था नहीं सुधारी जा सकती है। एसपी को राउंड पर आना होगा, जिससे पुलिस थानों के थानेदार भी गस्त करेंगे। जिससे बदमाशों में खौफ पैदा होगा।

उन्होंने कहा कि यहां की कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए रांची में पुलिस कमीश्नर को बिठाना ही होगा। रक्षा राज्य मंत्री ने आगे कहा कि हम लगातार रांची की छवि निर्माण कर रहे हैं, हम लोग मेहनत कर रहे हैं, दूसरी और राज्य सरकार पानी फेर रही है। हम छवि निर्माण कर रहे हैं और राज्य सरकार छवि बिगाड़ रही है।

उन्होंने कहा कि चार साल पहले नमो बुक बैंक की स्थापना की थी, पिछले चार साल के अंदर 3 लाख 15 हजार 647 किताबें उपलब्ध हुई। ऐसी किताबें थी, 2 लाख 96 हजार 523 पुस्तकें निकल गई। ऐसे छात्रों के पास जिनके पास आर्थिक अभाव है। उनके लिए बहुत बड़ा आधार है। लगभग आकलन कर लें हम तो 62 हजार घरों तक किताबें पहुंच गई। हमने 62 हजार घरों तक प्रधानमंत्री का आशीर्वाद पहुंचाया है।

इसी तरह दो साल पहले नमो टॉय बैंक खोला गया। 80 हजार 356 खिलौने मिले, 48 पंचायतों के 96 आंगनवाड़ी केंद्र तक पहुंच पाए। ऐसे बच्चों के चेहरे पर हंसी आई, जिन तक खिलौने पहुंचे। उन्होंने आगे कहा कि ठंड भी आ रही है, लोग कंबल बांटना शुरू कर देते हैं, ठिठुरन भी रहती है, दिसंबर के बाद कंबल बांटना शुरू हो जाता है आपके घर में कोई बच्चे के ऊनी कपड़े होंगे आपके बच्चे का कोट होगा, उसे दे सकते हैं, इस पर विचार-विमर्श कर फैसला लिया गया है कि कपड़े का बैंक बनाया जाए।

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Created On :   4 Aug 2024 9:51 PM IST

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