संस्कृति: मुंबई में कृपाशंकर सिंह ने समर्थकों के साथ धूमधाम से मनाई होली, उद्धव ठाकरे की राजनीति पर टिप्पणी की

मुंबई में कृपाशंकर सिंह ने समर्थकों के साथ धूमधाम से मनाई होली, उद्धव ठाकरे की राजनीति पर टिप्पणी की
देश के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को धूमधाम से होली का त्योहार मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में, महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कृपाशंकर सिंह ने मुंबई के बांद्रा इलाके में रंगोत्सव मनाया। समर्थकों के बीच हाथ में माइक ले उन्होंने होली गीत भी गाए।

मुंबई, 14 मार्च (आईएएनएस)। देश के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को धूमधाम से होली का त्योहार मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में, महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कृपाशंकर सिंह ने मुंबई के बांद्रा इलाके में रंगोत्सव मनाया। समर्थकों के बीच हाथ में माइक ले उन्होंने होली गीत भी गाए।

कृपाशंकर सिंह ने महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर कुछ तीखे बयान भी दिए। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार की तुलना भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश से की। उनका कहना था कि ये नेता राज्य की राजनीति में स्थिरता और विकास के लिए काम कर रहे हैं, ठीक वैसे ही जैसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश सृष्टि के संरक्षण, पालन और विनाश के लिए जिम्मेदार हैं।

कृपाशंकर सिंह ने महाराष्ट्र के विपक्षी नेताओं, विशेष रूप से उद्धव ठाकरे पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे को राजनीति का कोई ज्ञान नहीं है। उन्हें अब संन्यास ले लेना चाहिए और सब कुछ आदित्य ठाकरे को सौंप देना चाहिए।" उनके इस बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी।

उन्होंने आगे कहा कि "अगले चुनाव तक महाविकास आघाड़ी में शायद ही कोई बच पाएगा। यह गठबंधन अब पूरी तरह से समाप्त हो चुका है।" कृपाशंकर सिंह ने महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी के भविष्य को लेकर भी चिंता जताई और इसे भविष्य के लिए नकारात्मक संकेत बताया।

कृपाशंकर सिंह ने तमिलनाडु सरकार द्वारा रुपये का सिंबल बदलने के फैसले पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की जनता इन मुद्दों का जवाब जरूर देगी, और इस मामले में उन्हें सबक मिलेगा।

उन्होंने आगे कहा, "पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु की बोली भी अब बंद हो जाएगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर भी निशाना साधते हुए कहा, "वह मूर्ख हैं, उन्हें राजनीति का कोई ज्ञान नहीं है। यह सब स्टालिन का स्टंट है। हिंदी भाषा को तोड़ने का काम नहीं, बल्कि उसे जोड़ने का काम करना चाहिए।" उन्होंने चेतावनी दी कि "स्टालिन को सुधारना होगा, वरना लोग उन्हें सुधार देंगे।"

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Created On :   14 March 2025 1:11 PM IST

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