रक्षा: मेक इन इंडिया पहल ने रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में देश को बनाया आत्मनिर्भर बिस्वजीत नायक

भारत की मेक इन इंडिया पहल ने रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भरता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। भारतीय नौसेना के रिटायर्ड कमांडर बिस्वजीत नायक ने मंगलवार को इंडिया डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल देश के लिए वरदान साबित हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के दूरदर्शी नेतृत्व की प्रशंसा की, जिन्होंने इस अवधारणा को साकार किया।

भुवनेश्वर, 13 मई (आईएएनएस)। भारत की मेक इन इंडिया पहल ने रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भरता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। भारतीय नौसेना के रिटायर्ड कमांडर बिस्वजीत नायक ने मंगलवार को इंडिया डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल देश के लिए वरदान साबित हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के दूरदर्शी नेतृत्व की प्रशंसा की, जिन्होंने इस अवधारणा को साकार किया।

कमांडर नायक ने अपने नौसेना करियर के शुरुआती दिनों को याद करते हुए बताया, “जब मैं ऑपरेशन पराक्रम के दौरान आईएनएस विराट पर तैनात था, तब हम ब्रिटिश या रूसी युद्धपोतों पर निर्भर थे। उस समय यह कल्पना करना भी मुश्किल था कि भारत अपने स्वदेशी विमानवाहक पोत या अन्य रक्षा उपकरण बना सकता है। मेक इन इंडिया ने न केवल रक्षा उपकरणों के निर्माण की संस्कृति को बढ़ावा दिया, बल्कि सेल्फ-लोडिंग राइफल्स, टैंक, पनडुब्बियां, विध्वंसक, फ्रिगेट और ऑफशोर पेट्रोल वेसल्स (ओपीवी) जैसे उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन को भी गति दी।

उन्होंने बताया कि टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स जैसी कंपनियां रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। इसके अलावा, कई स्टार्टअप्स ने ड्रोन और मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) जैसे नवाचारों के साथ इस क्षेत्र में कदम रखा है। अडाणी समूह द्वारा निर्मित यूएवी इसका एक प्रमुख उदाहरण है। यह सब सरकार की उन पहलों का नतीजा है, जो युवाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित कर रही हैं और अनुभवी विशेषज्ञों को नवाचार के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।

ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली को उन्होंने भारत की रक्षा क्षमता का एक शानदार उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, “हाल के ऑपरेशनों में ब्रह्मोस ने अपनी ताकत साबित की है और यह अब दुनिया की सबसे मांग वाली मिसाइल प्रणालियों में शुमार हो रही है। रूस के सहयोग से विकसित ब्रह्मोस के अलावा, भारत ने इजरायल के साथ मिलकर कई मिसाइल प्रणालियां विकसित की हैं। पृथ्वी, अग्नि और आकाश जैसी स्वदेशी मिसाइलें सतह से हवा और जहाज से हवा में मार करने की क्षमता रखती हैं, जो मेक इन इंडिया की सफलता को दर्शाती है।

कमांडर नायक ने भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत जल्द ही रक्षा उपकरणों और सेंसर जैसे उच्च तकनीकी उत्पादों का निर्यात शुरू करेगा, जैसा कि आज अमेरिका और चीन कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि रक्षा और एयरोस्पेस में भारत की प्रगति न केवल देश की सुरक्षा को मजबूत कर रही है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत को एक विश्वसनीय रक्षा उपकरण निर्यातक के रूप में स्थापित कर रही है। मेक इन इंडिया ने न केवल भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि युवाओं और उद्यमियों के लिए अवसरों का नया द्वार भी खोला है। यह पहल भारत को वैश्विक रक्षा उद्योग में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभरने में मदद कर रही है।

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Created On :   13 May 2025 7:03 PM IST

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