राजनीति: पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश होनी चाहिए जेएनयू अध्यक्ष नीतीश कुमार

पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश होनी चाहिए जेएनयू अध्यक्ष नीतीश कुमार
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए केंद्र सरकार की नीतियों और सुरक्षा चूक पर सवाल उठाए। साथ ही, उन्होंने कूटनीतिक समाधान पर जोर देते हुए युद्ध की स्थिति से बचने की अपील की।

नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए केंद्र सरकार की नीतियों और सुरक्षा चूक पर सवाल उठाए। साथ ही, उन्होंने कूटनीतिक समाधान पर जोर देते हुए युद्ध की स्थिति से बचने की अपील की।

नीतीश कुमार ने अपने बयान में कहा कि भारत और पाकिस्तान, दोनों ही परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और युद्ध की स्थिति सबसे ज्यादा गरीब और कमजोर वर्गों को प्रभावित करती है। मेरा मानना है कि युद्ध की स्थिति से बचा जाए, क्योंकि इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को उठाना पड़ता है।

उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा, “मैं इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं, लेकिन इसके बाद देशभर में जिस तरह का नुकसान हुआ, वह सरकार की सुरक्षा चूक को दर्शाता है। सरकार ने इसकी जिम्मेदारी लिए बिना पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की, जो पहले से तय लगती है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को शरण देने की समस्या को युद्ध या कूटनीतिक तरीकों से हल करना चाहिए। भारत को अपनी कूटनीतिक ताकत का उपयोग कर पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहिए, ताकि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले तत्वों को रोका जा सके। पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश होनी चाहिए। 2018 और उससे पहले के हमलों में भी पाकिस्तान की भूमिका रही है, लेकिन क्या हर बार युद्ध ही समाधान है? डिप्लोमेसी के जरिए आतंकवाद को खत्म करने की रणनीति बनानी होगी।

उन्होंने आशंका जताई कि इस तरह की घटनाएं जानबूझकर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए की जा सकती हैं, जो देश के अमन-चैन को नुकसान पहुंचाती हैं।

नीतीश कुमार ने भारतीय सेना के नुकसान पर भी चिंता जताई और सरकार से पारदर्शिता की मांग की। उन्होंने कहा, “हमें सटीक जानकारी नहीं मिल रही कि कितने जवान शहीद हुए। केवल उनके पार्थिव शरीर गांवों में पहुंच रहे हैं। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि कितने सैनिकों ने बलिदान दिया।”

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों को क्या खत्म किया गया? हमारा उद्देश्य क्या था? क्या हम कश्मीर में पर्यटन और सुरक्षा को सुनिश्चित कर पाए? इन सवालों का जवाब जरूरी है।”

उन्होंने सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस की सराहना की, जिसमें तथ्यों को स्पष्ट किया गया। साथ ही उन्होंने मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा, “मीडिया ने गलत सूचनाएं फैलाईं, कभी कराची पर हमले की बात, तो कभी इस्लामाबाद पहुंचने की। यह मिसइन्फॉर्मेशन देश को गुमराह करता है।”

नीतीश कुमार ने सरकार से मांग की कि वह कश्मीर में पर्यटन और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा, “पहलगाम जैसे हमले न केवल कश्मीर के पर्यटन को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि देश की छवि को भी प्रभावित करते हैं। सरकार को चाहिए कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्ती बरते, लेकिन साथ ही सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखे।”

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Created On :   22 May 2025 11:55 PM IST

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