स्वास्थ्य/चिकित्सा: दिल्ली हाई कोर्ट से पतंजलि को झटका, च्यवनप्राश वाले विज्ञापन पर अंतरिम रोक

दिल्ली हाई कोर्ट से पतंजलि को झटका, च्यवनप्राश वाले विज्ञापन पर अंतरिम रोक
पतंजलि को डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ भ्रामक और अपमानजनक विज्ञापन प्रसारित करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने पतंजलि के च्यवनप्राश वाले विज्ञापन पर अंतरिम रोक लगा दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।

नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएएनएस)। पतंजलि को डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ भ्रामक और अपमानजनक विज्ञापन प्रसारित करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने पतंजलि के च्यवनप्राश वाले विज्ञापन पर अंतरिम रोक लगा दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।

दरअसल, पतंजलि अपने विज्ञापन में दावा करता रहा है कि उसके अलावा आयुर्वेद और शास्त्र सम्मत तरीके से कोई और च्यवनप्राश नहीं बनाता है। पतंजलि के इस दावे पर डाबर इंडिया ने आपत्ति जताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने मांग की थी कि पतंजलि के इस भ्रामक विज्ञापन पर रोक लगाई जाए और हर्जाने के तौर पर दो करोड़ रुपए दिए जाएं।

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने पतंजलि के विज्ञापन पर अंतिम रोक लगा दी। साथ ही मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 14 जुलाई तय की है।

डाबर इंडिया के वकील एडवोकेट जवाहर लाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "डाबर की चिंता यह थी कि पतंजलि अपने विज्ञापन में अन्य सभी च्यवनप्राश ब्रांडों का अपमान कर रही थी। अपने एक विज्ञापन में उन्होंने दावा किया, 'केवल हम ही शास्त्रों के अनुसार च्यवनप्राश बनाना जानते हैं, अन्य नहीं।' इससे उपभोक्ताओं को अन्य आयुर्वेदिक उत्पादों के बारे में गुमराह किया जाता है। हाई कोर्ट ने पतंजलि के विज्ञापन पर अंतरिम रोक लगाई है।"

उन्होंने बताया, "हमारी यही मांग थी कि विज्ञापन पर रोक लगाई जाए और हर्जाना दिया जाए। हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब पतंजलि च्यवनप्राश से जुड़ा विज्ञापन नहीं दिखा सकता है। हालांकि, अन्य ब्रांडों पर इसका कोई असर नहीं होगा।"

इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा रामदेव को उनके "शरबत जिहाद" वाले बयान पर फटकार लगाई थी। हाई कोर्ट ने कहा कि यह बयान अस्वीकार्य है और इसे सुनकर उन्हें अपने कानों-आंखों पर यकीन नहीं हुआ।

उन्होंने रामदेव को हलफनामा देने को कहा था, जिसमें लिखा हो कि वे भविष्य में ऐसा बयान नहीं देंगे।

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Created On :   3 July 2025 1:05 PM IST

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