राष्ट्रीय: झारखंड दुमका में डायरिया का कहर, आठ दिन में चार की मौत, कई बीमार

झारखंड दुमका में डायरिया का कहर, आठ दिन में चार की मौत, कई बीमार
झारखंड के दुमका जिले के जरमुंडी प्रखंड के आदिवासी बहुल गांव बेदिया में डायरिया ने कहर बरपा दिया है। पिछले आठ दिनों में इस बीमारी से गांव में चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य बीमार हैं।

दुमका, 17 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड के दुमका जिले के जरमुंडी प्रखंड के आदिवासी बहुल गांव बेदिया में डायरिया ने कहर बरपा दिया है। पिछले आठ दिनों में इस बीमारी से गांव में चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य बीमार हैं।

गांव में फैली बीमारी और मौतों के बारे में झारखंड के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बादल पत्रलेख ने गुरुवार को जिले के उपायुक्त और झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को जानकारी दी, तो स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची। पूर्व मंत्री बादल ने बताया कि गांव में सबसे पहले 7 जुलाई को संगीता मरांडी की मौत डायरिया से हुई। इसके बाद 10 जुलाई को उनके पुत्र अरविंद सोरेन ने भी दम तोड़ दिया। गुरुवार 17 जुलाई को लखीराम की पत्नी और बबलू किस्को की भी बीमारी से मौत हो गई।

कांग्रेस नेता ने यह जानकारी सोशल मीडिया पर भी साझा की। इसपर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने दुमका के उपायुक्त को निर्देश दिया कि गांव में तत्काल आवश्यक चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने सिविल सर्जन को डॉक्टरों की टीम को जीवनरक्षक दवाइयों और आवश्यक संसाधनों के साथ तत्काल गांव में भेजने का निर्देश दिया।

बहरहाल, गुरुवार दोपहर बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंची। पूर्व मंत्री बादल ने कहा कि यह इलाका बासुकीनाथ श्रावणी मेला क्षेत्र के पास है, ऐसे में यदि डायरिया का संक्रमण फैलता है तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है। उन्होंने डायरिया से हो रही मौतों की घटना को अत्यंत दुखद बताते हुए कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ करना अत्यंत आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

उन्होंने प्रशासन से मांग की कि पीड़ित परिवारों को शीघ्र आर्थिक सहायता और उचित मुआवजा दिया जाए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में डायरिया के कारणों का पता लगाने के लिए पानी के स्रोतों की भी जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक तौर पर संक्रमण फैलने की वजह दूषित पेयजल को माना जा रहा है।

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Created On :   17 July 2025 5:54 PM IST

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