राजनीति: छत्तीसगढ़ मानव तस्करी और धर्मांतरण केस में गिरफ्तार दो नन और आदिवासी युवक की जमानत याचिका खारिज

छत्तीसगढ़ मानव तस्करी और धर्मांतरण केस में गिरफ्तार दो नन और आदिवासी युवक की जमानत याचिका खारिज
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोपों में गिरफ्तार केरल की दो कैथोलिक ननों और एक आदिवासी युवक की जमानत याचिका को सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सेशन कोर्ट के न्यायाधीश अनीश दुबे ने स्पष्ट किया कि यह मामला उनके क्षेत्राधिकार में नहीं आता। हालांकि, सेशन कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से मामले से संबंधित कोर्ट में अर्जी दायर करने को कहा है।

दुर्ग/नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोपों में गिरफ्तार केरल की दो कैथोलिक ननों और एक आदिवासी युवक की जमानत याचिका को सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सेशन कोर्ट के न्यायाधीश अनीश दुबे ने स्पष्ट किया कि यह मामला उनके क्षेत्राधिकार में नहीं आता। हालांकि, सेशन कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से मामले से संबंधित कोर्ट में अर्जी दायर करने को कहा है।

एडवोकेट विकास तिवारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों को अभी 15 से 20 दिन कस्टडी में रखा जाएगा। सेशन कोर्ट ने उन आरोपियों की याचिका को खारिज किया है। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने मामले को इसलिए खारिज किया कि यह उनके अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है। याचिकाकर्ताओं से न्यायाधीश अनीश दुबे ने कहा है कि चूंकि यह प्रकरण मानव तस्करी से जुड़ा है, इसलिए मामले में सुनवाई का अधिकार एनआईए कोर्ट का है।

एडवोकेट विकास तिवारी ने दावा किया कि यह सिर्फ दो ननों से जुड़ा विषय नहीं है। एक पूरी लॉबी काम कर रही है। इसमें विवेचना के बाद पूरा पर्दाफाश होने की संभावना है। वहीं, एडवोकेट हेमंत मिश्रा ने भी दावा किया कि दुर्ग के कुछ इलाकों में गरीबों को टारगेट (धर्म परिवर्तन के लिए) किया जा रहा है। हेमंत मिश्रा ने कहा कि आरोपियों की जमानत का हर जगह विरोध किया जाएगा।

इस बीच, केरल की दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी का मामला राजनीतिक तूल पकड़ रहा है। बुधवार को संसद परिसर में प्रियंका गांधी के साथ यूडीएफ सांसदों ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी और आरोप लगाए कि छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के कारण निशाना बनाकर जेल भेजा गया है।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "यह न्याय नहीं, बल्कि भाजपा-आरएसएस का गुंडाराज है। यह इस शासन में अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न के एक खतरनाक पैटर्न को दर्शाता है। यूडीएफ सांसदों ने संसद में विरोध प्रदर्शन किया। हम चुप नहीं बैठेंगे। धार्मिक स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है। हम उनकी तत्काल रिहाई और इस अन्याय के लिए जवाबदेही की मांग करते हैं।"

बुधवार को ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की वरिष्‍ठ नेता वृंदा करात दुर्ग सेंट्रल जेल पहुंचीं, जहां उन्होंने आरोपी नन और छत्तीसगढ़ के आदिवासी युवक से मुलाकात की। वृंदा करात ने आरोप लगाए कि ननों को जबरन फंसाया गया है। उनके साथ मारपीट हुई है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   30 July 2025 3:46 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story