राष्ट्रीय: गुजरात सीएम भूपेंद्र पटेल ने प्राचीन तीर्थक्षेत्र स्तंभेश्वर महादेव का किया दर्शन-पूजन

गांधीनगर, 4 अगस्त (आईएएनएस)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पवित्र श्रावण मास के दूसरे सोमवार को भरूच जिले के प्राचीन तीर्थक्षेत्र स्तंभेश्वर महादेव की श्रद्धापूर्वक की पूजा-अर्चना की और यज्ञ में आहुति दी।
सीएम भूपेंद्र पटेल ने भरूच जिले में विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम की शुरुआत स्तंभेश्वर महादेव के दर्शन के साथ की।
उन्होंने भगवान भोलानाथ से सभी के कल्याण और राष्ट्र-राज्य की निरंतर प्रगति की प्रार्थना कर मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों के साथ बातचीत की। वे मंदिर की ओर से श्रद्धालुओं को किए जा रहे प्रसाद वितरण में भी शामिल हुए।
प्राचीन तीर्थक्षेत्र स्तंभेश्वर महादेव भरूच जिले की जंबुसर तहसील के कंबोई गांव के निकट माही नदी और अरब सागर के संगम स्थल के समीप स्थित है। यहां समुद्र स्वयं दिन में दो बार उच्च ज्वार आने पर मंदिर के शिवलिंग का जलाभिषेक करता है।
इस तीर्थक्षेत्र के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड की ओर से दो करोड़ रुपए के खर्च से मल्टीपर्पज हॉल, पेवर ब्लॉक्स तथा यात्रियों के बैठने के लिए बैंच आदि का निर्माण किया गया है।
मुख्यमंत्री के साथ इस दौरे के दौरान विधायक डीके. स्वामी, पूर्व मंत्री छत्रसिंह मोरी सहित कई पदाधिकारी और स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के महंत विद्यानंद जी महाराज एवं संत गण मौजूद रहे।
गुजरात के बढ़ोदरा में स्थित स्तंभेश्वर महादेव मंदिर दिन में रोजाना दो बार सुबह और शाम को कुछ देर के लिए गायब हो जाता है और इस अचंभित करने वाले चमत्कार को देखने यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ आती है।
गुजरात के फुदम गांव में स्थित गंगेश्वर महादेव का यह मंदिर, जिसके बारे में मान्यता है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान इस शिवलिंग को स्थापित किया था। यह गुजरात के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है। यहां महादेव का अभिषेक आठों प्रहर समुद्र खुद करता है।
समुद्र के किनारे कटी हुई चट्टानों से बनी गुफा के भीतर यह शिवलिंग स्थित है। यह एक गुफा मंदिर है, जहां हर कुछ समयांतराल के बाद समुद्र की लहरें आकर शिवलिंग का अभिषेक कर वापस लौट जाती हैं। इस मंदिर में इसके साथ भगवान गणेश, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की भी मूर्ति मौजूद है। इन पांचों शिवलिंग के बारे में यह भी मान्यता है कि यह स्वयंभू हैं। इस मंदिर को यहां पंच शिवलिंग मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, इसे सीशोर मंदिर के नाम से भी ख्याति प्राप्त है।
गुजरात के फुदम गांव से कुछ किलोमीटर दूर यह मंदिर एक छोटे से द्वीप दीव में स्थित है। दीव एक छोटा सा द्वीप है, जो गुजरात के सौराष्ट्र प्रायद्वीप के दक्षिणी सिरे पर स्थित है।
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Created On :   4 Aug 2025 2:43 PM IST