व्यापार: नाबार्ड ने ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए राज्यों को दिए 1.59 लाख करोड़ रुपए के लोन

नाबार्ड ने ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए राज्यों को दिए 1.59 लाख करोड़ रुपए के लोन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों (2022-23 से 2024-25) में ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए राज्य सरकारों को लोन के रूप में 1.59 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि वितरित की है।

नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों (2022-23 से 2024-25) में ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए राज्य सरकारों को लोन के रूप में 1.59 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि वितरित की है।

केंद्रीय मंत्री ने एक लिखित उत्तर में बताया कि इस राशि में से 1.23 लाख करोड़ रुपए नाबार्ड के रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (आरआईडीएफ) के माध्यम से वितरित किए गए हैं, जबकि शेष 36,439 करोड़ रुपए वित्तीय संस्थान की अन्य योजनाओं के तहत दिए गए हैं।

इनमें नाबार्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट असिस्टेंस (एनआईडीए), रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर असिस्टेंस टू स्टेट गवर्नमेंट्स (आरआईएएस), लॉन्ग टर्म इरिगेशन फंड (एलटीआईएफ), माइक्रो इरिगेशन फंड (एमआईएफ), फूड प्रोसेसिंग फंड (एफपीएफ), वेयरहाउस इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (डब्ल्यूआईएफ) और फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एफआईडीएफ) शामिल हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से नाबार्ड की वित्तीय सहायता ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे सड़क, सिंचाई और भंडारण सुविधाओं को बढ़ाती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ती है और बाजार तक बेहतर पहुंच बनती है। इससे ग्रामीण उधारकर्ताओं की लोन को प्रभावी ढंग से अवशोषित करने और उसका उपयोग करने की क्षमता में सुधार होता है।

नाबार्ड सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को रियायती दरों पर कृषि लोन के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक फंड भी प्रदान करता है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, नाबार्ड अखिल भारतीय ग्रामीण वित्तीय समावेशन सर्वेक्षण (एनएएफआईएस) 2021-22 के निष्कर्षों के अनुसार, संस्थागत स्रोतों से लोन प्राप्त करने वाले कृषि परिवारों का अनुपात 2016-17 में 60 प्रतिशत से बढ़कर 2021-22 में 75 प्रतिशत हो गया।

उन्होंने आगे कहा कि नाबार्ड ने विभिन्न योजनाओं के तहत अब तक 6,215 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन को बढ़ावा दिया है। एफपीओ को प्रदान की जाने वाली प्रमुख सहायता में एफपीओ का गठन, क्षमता निर्माण, ऋण सुविधा और बाजार संपर्क सहायता, वित्तीय साक्षरता आदि शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, नाबार्ड ने लघु कृषक कृषि-व्यवसाय संघ (एसएफएसी) और ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के साथ साझेदारी में एफपीओ उत्पादों के विपणन और ब्रांडिंग को सक्षम बनाने के लिए 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 50 स्थानों पर एफपीओ मेले आयोजित किए हैं।

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Created On :   4 Aug 2025 4:47 PM IST

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