- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- अब तक नहीं मिली इलेक्ट्रिक बसों की...
Jabalpur News: अब तक नहीं मिली इलेक्ट्रिक बसों की पहली खेप, अभी 5 महीने और इंतजार

- कठौंदा और आईएसबीटी में नहीं तैयार हो पाए चार्जिंग स्टेशन
- नहीं मिल पा रहा नई सुविधा का लाभ, धीमी गति से चल रहा काम
- इलेक्ट्रिक बसों के आने के पहले चार्जिंग स्टेशन का निर्माण होना जरूरी है।
Jabalpur News: केन्द्र सरकार ने एक साल पहले प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत जबलपुर शहर को 100 इलेक्ट्रिक बसें देने की घोषणा की थी। इलेक्ट्रिक बसें तीन खेप में मिलनी थीं। एक साल बाद भी जबलपुर को इलेक्ट्रिक बसों की पहली खेप नहीं मिल पाई है। पहले कहा जा रहा था कि अगस्त तक 33 इलेक्ट्रिक बसों की पहली खेप मिल जाएगी। इसके लिए अभी 5 महीने और इंतजार करना होगा।
हैरान करने वाली बात यह है कि जेसीटीसीएल अभी तक कठौंदा और आईएसबीटी में इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी तैयार नहीं कर पाया है। शहर को वायु और ध्वनि प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए 100 इलेक्ट्रिक बसें स्वीकृत की गई हैं, लेकिन बसें भेजने में लगातार देरी की जा रही है। नगर निगम और जेसीटीसीएल की ओर से इलेक्ट्रिक बसों को शहर में जल्द लाने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किया गया है।
एक्सपर्ट का कहना है कि देश भर में इलेक्ट्रिक बसों की डिमांड है। यदि जबलपुर में जल्द इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू करानी है, इसके लिए केन्द्र सरकार से पत्र व्यवहार के साथ ही बातचीत भी करनी होगी।
एक बार चार्ज होने पर 180 किमी चलेगी इलेक्ट्रिक बस
इलेक्ट्रिक बस एक बार चार्ज होने पर 180 किमी चलेगी। ट्रैफिक के दौरान बसों से जो विद्युत हानि होगी, उसके अनुसार उनका रूट समय तय किया जाएगा। शहर के प्रमुख मार्गों के अलावा इलेक्ट्रिक बसों का संचालन पनागर, भेड़ाघाट, शहपुरा, पाटन और बरेला तक किया जाएगा। इसका किराया 2 रुपए प्रति किलोमीटर आने की संभावना है। इलेक्ट्रिक बसों के आने से पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम सहज और सुलभ और सस्ता हो जाएगा।
चार्जिंग स्टेशन निर्माण में हो रहा विलंब
इलेक्ट्रिक बसों के आने के पहले चार्जिंग स्टेशन का निर्माण होना जरूरी है। अभी तक कठौंदा और आईएसबीटी में चार्जिंग स्टेशन का काम अधूरा है। चार्जिंग स्टेशन तक 33 केवी लाइन अलग से बिछनी है। यह काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। इस काम में कम से कम 6 महीने का समय लगने की संभावना है। एक्सपर्ट का कहना है कि जब तक चार्जिंग स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू नहीं हो पाएगा। इसलिए पहले चार्जिंग स्टेशनों का काम पूरा किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के अंतर्गत जबलपुर शहर को तीन खेप में 100 इलेक्ट्रिक बसें मिलनी हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि पहली खेप मिलने में चार से पांच महीने का समय और लग सकता है। इलेक्ट्रिक बसों के लिए कठौंदा और आईएसबीटी में चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम शुरू कर दिया गया है।
- सचिन विश्वकर्मा, सीईओ, जेसीटीसीएल
Created On :   4 Aug 2025 7:22 PM IST