राजनीति: पाकिस्तान के साथ आर्थिक लाभ के लिए मैच खेलना शर्मनाक और देशहित के खिलाफ असलम शेख

पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक असलम शेख ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच आयोजित करने के निर्णय और 'वोट चोरी' के मुद्दे पर तीखा हमला बोला है।

मुंबई, 25 अगस्त (आईएएनएस)। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक असलम शेख ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच आयोजित करने के निर्णय और 'वोट चोरी' के मुद्दे पर तीखा हमला बोला है।

उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाता है, तब केवल आर्थिक लाभ के लिए उसके साथ क्रिकेट मैच खेलना शर्मनाक और देशहित के खिलाफ है।

शेख ने केंद्र सरकार पर दोहरा रुख अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सुबह कुछ और, शाम को कुछ और बयान दिए जाते हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' का हवाला देकर विपक्ष को कटघरे में खड़ा करना और फिर पाकिस्तान से खेल संबंध रखना देशहित के खिलाफ है। इस तरह के निर्णय से देश को शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी।

असलम शेख ने 'वोट चोरी' के मुद्दे पर भी केंद्र और राज्य सरकारों को घेरा। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि वे पहले ही बता चुके हैं कि 'वोट चोरी' कैसे हो रही है। महज पांच साल में 40 लाख और पांच महीनों में 45 लाख वोट कैसे बढ़ सकते हैं। उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे और आदित्य ठाकरे जैसे नेताओं ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं।

शेख ने कहा कि जनता की आवाज है कि इस 'वोट चोरी' को रोका जाए। केंद्र और राज्य सरकारें इसी आधार पर सत्ता में आई हैं और यह सब दस्तावेजों के साथ सिद्ध हो चुका है। सबूत मांगना अब बेमानी है।

असलम शेख ने कहा कि तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने से ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा 'वोट चोरी' है। निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र की पहली शर्त है। चुनाव आयोग के अधिकारियों की भूमिका की जांच हो और इस गड़बड़ी को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने भारत को अल्पसंख्यकों के लिए सबसे सुरक्षित देश बताया, असलम शेख ने तंज कसा।

उन्होंने कहा कि भारत की तुलना हमेशा उन देशों से होनी चाहिए, जो प्रगति और उद्योग में आगे हैं। पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों से तुलना करना बेवकूफी है।

उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति यह है कि लोगों को सरेआम चौराहे पर मार दिया जाता है, लेकिन मंत्रियों और सांसदों के विवादित बयानों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। ऐसे में लॉ एंड ऑर्डर और एकता की बातें कमजोर पड़ती दिख रही हैं, जो देश के लिए चिंता का विषय है।

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Created On :   25 Aug 2025 7:57 PM IST

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