मानवीय रुचि: टाटा मोटर्स की बड़ी पहल, महिला कामगारों को सौंपी बेहद खास जिम्मेदारी

टाटा मोटर्स की बड़ी पहल, महिला कामगारों को सौंपी बेहद खास जिम्मेदारी
जिन तकनीकी कामों में पहले महिलाओं की भागीदारी लगभग नहीं होती थी, अब उनमें भी उनका योगदान बढ़ने लगा है। टाटा मोटर्स ने इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए अपने जमशेदपुर स्थित प्लांट में एक ऐसा नया सेक्शन (असेंबली लाइन) शुरू किया है, जहां मोटर व्हीकल की असेंबलिंग और प्रोडक्शन की जिम्मेदारी पूरी तरह से महिला कामगारों की होगी।

जमशेदपुर, 5 सितंबर (आईएएनएस)। जिन तकनीकी कामों में पहले महिलाओं की भागीदारी लगभग नहीं होती थी, अब उनमें भी उनका योगदान बढ़ने लगा है। टाटा मोटर्स ने इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए अपने जमशेदपुर स्थित प्लांट में एक ऐसा नया सेक्शन (असेंबली लाइन) शुरू किया है, जहां मोटर व्हीकल की असेंबलिंग और प्रोडक्शन की जिम्मेदारी पूरी तरह से महिला कामगारों की होगी।

प्लांट-3 में बने नए सेक्शन की शुरुआत शुक्रवार को हुई। कंपनी ने इसे कार्यस्थल पर विविधता और लैंगिक समानता की दिशा में ऐतिहासिक पहल बताया है। देश के किसी भी मोटर प्रोडक्शन प्लांट में यह पहला प्रयोग है।

बताया गया कि यहां गाड़ियों के इंजन से लेकर हर छोटे-बड़े पुर्जे को जोड़ने और तैयार करने का काम पूरी तरह महिलाओं की टीम संभालेगी।

महिला कामगारों द्वारा संचालित किए जाने वाले इस नए सेक्शन का उद्घाटन प्लांट हेड सुनील तिवारी, टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष शशि भूषण प्रसाद, महामंत्री आरके सिंह, डिवीजन हेड किरण नरेंद्रन और एचआर हेड प्रणव कुमार ने संयुक्त रूप से किया।

इस नए सेक्शन के उद्घाटन के बाद प्लांट हेड सुनील तिवारी ने महिला कर्मचारियों से बातचीत की और उन्हें सुरक्षा और कामकाज से जुड़े अहम दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि सभी को स्वस्थ माहौल बनाए रखते हुए अनुशासन और सुरक्षा को सबसे ऊपर रखना चाहिए। उन्होंने टीम को छोटे-छोटे सुधार करते हुए बेहतर नतीजे लाने के लिए प्रेरित किया।

यूनियन के अध्यक्ष शशि भूषण प्रसाद ने कहा कि पहले महिलाएं सहयोगी भूमिका में काम करती थीं, लेकिन अब पूरे सेक्शन का संचालन उनकी जिम्मेदारी होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि महिलाएं इसे बेहतरीन तरीके से संभालेंगी और उद्योग जगत में एक नई मिसाल कायम करेंगी।

यूनियन के महामंत्री आरके सिंह ने इस पहल को प्रबंधन की दूरदर्शी सोच बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम लैंगिक समानता की दिशा में मिसाल बनेगा। उन्होंने भरोसा जताया कि महिला कर्मचारी प्रबंधन की उम्मीदों पर पूरी तरह खरी उतरेंगी। उन्होंने महिलाओं से एक साल तक बिना किसी दुर्घटना के काम करने का लक्ष्य बनाने की अपील भी की।

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Created On :   5 Sept 2025 4:09 PM IST

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