बॉलीवुड: मेरे लिए 'द बैड्स ऑफ बॉलीवुड' खुद को व्यक्त करने का खुला मंच था राघव जुयाल

मेरे लिए द बैड्स ऑफ बॉलीवुड खुद को व्यक्त करने का खुला मंच था  राघव जुयाल
हाल ही में रिलीज हुई सीरीज 'द बैड्स ऑफ बॉलीवुड' में अभिनेता राघव जुयाल ने एक अहम किरदार निभाया है। उन्होंने इस शो में 'परवेज' नाम के लड़के का रोल निभाया, जो उनके लिए बेहद खास रहा। राघव ने बताया कि इस शो ने उन्हें खुद को व्यक्त करने का एक अलग और खुला मंच दिया। उनके अनुसार, यह एक ऐसा अनुभव था जहां वे अपनी भावनाएं और विचार खुलकर जाहिर कर सके, जो आमतौर पर वह अपनी निजी जिंदगी में नहीं कह पाते।

मुंबई, 21 सितंबर (आईएएनएस)। हाल ही में रिलीज हुई सीरीज 'द बैड्स ऑफ बॉलीवुड' में अभिनेता राघव जुयाल ने एक अहम किरदार निभाया है। उन्होंने इस शो में 'परवेज' नाम के लड़के का रोल निभाया, जो उनके लिए बेहद खास रहा। राघव ने बताया कि इस शो ने उन्हें खुद को व्यक्त करने का एक अलग और खुला मंच दिया। उनके अनुसार, यह एक ऐसा अनुभव था जहां वे अपनी भावनाएं और विचार खुलकर जाहिर कर सके, जो आमतौर पर वह अपनी निजी जिंदगी में नहीं कह पाते।

आईएएनएस से बात करते हुए राघव ने कहा, ''एक कलाकार के तौर पर अपनी बात कहना भी एक कला है। एक्टिंग के जरिए मैं वो सब कुछ कह पाता हूं, जो आम तौर पर शब्दों में बयां नहीं कर सकता। 'द बैड्स ऑफ बॉलीवुड' जैसे शो के जरिए मुझे कई ऐसे मुद्दों को सामने रखने का मौका मिला, जिन्हें मैं हमेशा महसूस करता आया हूं, लेकिन कभी कह नहीं पाया। मेरे किरदार ने मुझे एक कलाकार के तौर पर आजाद महसूस करवाया।''

उन्होंने आगे मजाकिया अंदाज में कहा कि एक तरफ जहां परिवार हमें सही-गलत की समझ देता है, वहीं दोस्तों से हम मस्ती और शरारतें सीखते हैं। असली जीवन मूल्य वही होते हैं जो घर से मिलते हैं। राघव ने इस बात पर जोर दिया कि एक इंसान की परवरिश का असर उसके व्यवहार और सोच में साफ दिखता है।

सीरीज के निर्देशक आर्यन खान की तारीफ करते हुए राघव ने कहा, ''आर्यन एक बेहद समझदार और जमीन से जुड़े इंसान हैं। वह शाहरुख खान के बेटे जरूर हैं, लेकिन उनमें इस बात का कोई घमंड नहीं है। उनके परिवार का माहौल अपनेपन और संस्कार से भरा है। जब मैं आर्यन के घर गया, तो मुझे नहीं लगा कि मैं किसी बड़े सेलिब्रिटी के घर में आया हूं। वहां का माहौल एक आम भारतीय परिवार जैसा था, बिल्कुल सादगी से भरा।''

उन्होंने आगे बताया, "उनका पूरा परिवार बहुत विनम्र है। जब गौरी मैम आईं, तो उन्होंने सबसे पहले खाने के लिए पूछा, फिर काम की बात की। मैंने खास तौर पर एक बात नोट की कि खान परिवार में बड़े-बुजुर्गों के पैर छूने की परंपरा है, जो उत्तर भारत की एक पुरानी संस्कृति है। यह देखकर मुझे अपने घर की याद आ गई।"

राघव ने यह किस्सा भी साझा किया कि जब उनकी मां पहली बार आर्यन से मिलीं, तो उन्होंने उन्हें बहुत आदर और स्नेह से गले लगाया। ऐसा व्यवहार सिर्फ अच्छे संस्कारों से ही आता है।

आखिर में राघव ने हंसते हुए कहा कि दोस्त अक्सर इंसान को बिगाड़ देते हैं, लेकिन पारिवारिक मूल्य हमें सही रास्ता दिखाते हैं।

'द बैड्स ऑफ बॉलीवुड' ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है।

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Created On :   21 Sept 2025 4:27 PM IST

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