धर्म: नवरात्रि के पहले दिन त्रिपुरा में 524 साल पुराने शक्तिपीठ में शीश झुकाएंगे पीएम मोदी, विकास के बाद बदला स्वरूप

अगरतला, 21 सितंबर (आईएएनएस)। त्रिपुरा में 524 साल पुराने शक्तिपीठ माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर परिसर का पुनर्विकास हो गया है। सोमवार को नवरात्रि के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माताबाड़ी में माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर परिसर के विकास कार्य का उद्घाटन करेंगे।
यह मंदिर हिंदुओं द्वारा पूजे जाने वाले 51 शक्तिपीठों में से एक है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री सोमवार दोपहर अरुणाचल प्रदेश से अगरतला पहुंचेंगे और फिर 65 किलोमीटर दक्षिण में बने इस पुनर्विकसित मंदिर का उद्घाटन करने के लिए उदयपुर के माताबाड़ी जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगे।
पर्यटन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद (तीर्थयात्रा पुनरुद्धार एवं आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान) योजना के तहत 52 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का पुनर्विकास किया गया है।
त्रिपुरा सरकार ने भी इस परियोजना में 7 करोड़ रुपए का योगदान दिया है।
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर गोमती जिले के मुख्यालय उदयपुर में स्थित है। यह मंदिर राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। महाराजा धन्य माणिक्य ने 1501 में इस मंदिर का निर्माण कराया था।
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, कोलकाता के कालीघाट स्थित काली मंदिर और गुवाहाटी स्थित कामाख्या मंदिर के बाद पूर्वी भारत में तीसरा ऐसा मंदिर है। हर साल दीपावली का पर्व मनाने के लिए देशभर से हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं।
15 अक्टूबर, 1949 को महारानी कंचन प्रभा देवी और भारतीय गवर्नर जनरल के बीच एक विलय समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद त्रिपुरा की पूर्ववर्ती रियासत भारत सरकार के नियंत्रण में आ गई।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने पुनर्विकसित त्रिपुरा सुंदरी मंदिर और उसके सुंदर परिवेश का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर करते हुए लिखा, "प्रसाद परियोजना के तहत निर्मित माता के धाम के नए बुनियादी ढांचे का मनमोहक रात्रिकालीन अलौकिक दृश्य। माता की कृपा से धन्य यह मनमोहक परिसर, माता के प्रति वर्तमान सरकार की गहरी श्रद्धा और कृतज्ञता को दर्शाता है। त्रिपुरा की समस्त जनता 22 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने वाले भव्य उद्घाटन का बेसब्री से इंतजार कर रही है।"
यह मंदिर भगवान शिव की अर्द्धांगिनी देवी पार्वती के अवतार देवी त्रिपुर सुंदरी को समर्पित है। मंदिर में चौकोर आकार का गर्भगृह है, जिसे ठेठ ग्रामीण बंगाल झोपड़ी के मॉडल में डिजाइन किया गया है। मंदिर के पीछे स्थित कल्याणसागर झील परिसर के पूरे वातावरण को शानदार बनाती है, जिसमें कछुए विचरण करते दिखते हैं।
गोमती जिले के बंदुआर में 97.70 करोड़ रुपए की लागत से 51 शक्तिपीठ पार्क का निर्माण किया जा रहा है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने 13 जुलाई को पार्क की आधारशिला रखी थी। यह निर्माणाधीन पार्क त्रिपुरा सुंदरी मंदिर से चार किलोमीटर दूर स्थित है। पार्क में आगंतुकों के लिए फूड कोर्ट, दुकान, पेयजल सुविधा, पार्किंग और सार्वजनिक सुविधा, अतिथि आवास, पौराणिक कथाओं को समर्पित संग्रहालय होगा।
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Created On :   21 Sept 2025 3:53 PM IST