राष्ट्रीय: पीएम मोदी का द्वारकाधीश मंदिर का दौरा कृष्ण भक्तों के लिए एक संदेश? ()

पीएम मोदी का द्वारकाधीश मंदिर का दौरा कृष्ण भक्तों के लिए एक संदेश? ()
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात के द्वारका में समुद्र में गहरी डुबकी लगाई और द्वारकाधीश मंदिर में पूजा-अर्चना की।

नई दिल्ली, 25 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात के द्वारका में समुद्र में गहरी डुबकी लगाई और द्वारकाधीश मंदिर में पूजा-अर्चना की।

जैसे ही पीएम मोदी की स्कूबा गियर पहनने और जलमग्न द्वारका शहर में पूजा करने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं, इसने नेटिज़न्स को चौंका दिया। कई लोगों ने भगवान कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति के लिए पीएम मोदी की जमकर प्रशंसा की, जबकि अन्य ने कई हिंदू पूजा स्थलों का कायापलट सुनिश्चित करने के लिए उनकी सरकार के संकल्प की सराहना की।

एक्स पर अपना अनुभव साझा करते हुए पीएम मोदी ने यह भी लिखा, ''पानी में डूबी द्वारिका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था। मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्‍वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ। भगवान श्रीकृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें।”

विशेष रूप से, द्वारका हिंदू धर्म के लिए बहुत महत्व रखता है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इस पौराणिक शहर पर स्वयं भगवान कृष्ण का शासन था। प्रचलित मान्यता के अनुसार, भगवान कृष्ण के पृथ्वी से चले जाने के बाद भूमि समुद्र द्वारा निगल ली गई थी।

पीएम मोदी ने आज की द्वारकाधीश की गहरी यात्रा को अपना लंबे समय से पोषित सपना बताया।

उन्‍होंने कहा, “मैं हमेशा वहां जाने और प्राचीन द्वारका शहर के अवशेषों को छूने के लिए उत्सुक था। पीएम मोदी ने कहा, ''मैं आज भावनाओं से भरा हुआ हूं... दशकों पुराना सपना आज पूरा हो गया।''

मोदी आर्काइव एक्स हैंडल ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का खाका भी कृष्ण की भूमि से रखा गया था और पीएम मोदी भी उस बैठक का हिस्सा थे।

एक्स हैंडल का कहना है, “1991 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की एक बैठक वृंदावन में हुई थी और इसमें नरेंद्र मोदी ने भाग लिया था। उस समय वह भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे थे और संघ के प्रतिनिधि के रूप में बैठक में शामिल हुए थे।”

इस बैठक में आरएसएस ने अयोध्या में अपने राम जन्मभूमि आंदोलन को और तेज करने और अंततः देवता के जन्मस्थान पर एक भव्य राम मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया।

बाद के वर्षों में मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा छीन लिए गए भगवान राम भक्तों के 'अधिकार' को बहाल करने के लिए एक बड़ा आंदोलन देखा गया। मथुरा में इस 'धर्म संसद' के बाद विश्‍व हिंदू परिषद (विहिप) ने कारसेवा फिर से शुरू की, जिससे घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू हुई।

भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या आज अंतर्राष्ट्रीय सुर्खियां बटोर रही है और देश और दुनिया भर से आगंतुकों को आकर्षित कर रही है।

लाखों भगवान राम भक्त और आम तौर पर हिंदू सदियों पुराने दलदल को खत्म करने में मदद के लिए पीएम मोदी को श्रेय देते हैं।

अयोध्या के भव्य परिसर में राम लला की स्थापना को 500 साल पुराने सपने की परिणति के रूप में देखा जाता है और पीएम मोदी को वह व्यक्ति माना जाता है, जिन्होंने 'भगवान राम को उनके योग्य स्थान पर पहुंचाया'।

भगवान कृष्ण के 'भक्तों' को भी मोदी सरकार से अतीत की गलतियों को सुधारने और कृष्ण जन्मभूमि के 'मूल चरित्र' को बहाल करने की बहुत उम्मीदें हैं।

चुनाव नजदीक आने के साथ, पीएम मोदी की द्वारकाधीश मंदिर की यात्रा को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है, कई लोगों का मानना है कि यह एक स्पष्ट संदेश है कि पीएम मोदी के 'तीसरे कार्यकाल' के दौरान कृष्ण जन्मभूमि का जीर्णोद्धार एक प्रमुख एजेंडा होगा।

कुछ लोग इसे बेबुनियाद अटकलें कहकर खारिज कर सकते हैं, लेकिन भाजपा के घोषणापत्र और देशभर के मंदिर गलियारों पर पीएम मोदी का व्यक्तिगत ध्यान दिखाता है कि 'गति अभी शुरू हुई है'।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   26 Feb 2024 12:47 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story