स्वास्थ्य/चिकित्सा: लक्षणों के दिखने से एक दशक पहले भी मल्टीपल स्क्लेरोसिस की बीमारी लग सकती है शोध

लक्षणों के दिखने से एक दशक पहले भी मल्टीपल स्क्लेरोसिस की बीमारी लग सकती है  शोध
कनाडा के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) की बीमारी शरीर में लक्षणों के दिखने से एक दशक पहले भी लग सकती है।

नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। कनाडा के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) की बीमारी शरीर में लक्षणों के दिखने से एक दशक पहले भी लग सकती है।

उनकी ये रिसर्च जामा नेटवर्क ओपन में छपी है। इस रिसर्च में शामिल वरिष्ठ लेखक डॉ. हेलेन ट्रेमलेट ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी के न्यूरोलॉजी विभाग की प्रोफेसर हैं। उन्होंने इस बारे में बात करते हुए कहा, "एमएस का पता लगाना उसके लक्षणों जैसे थकान, सिर दर्द, दर्द और मानसिक पीड़ा आदि से पहले बहुत ही मुश्किल है। ये बहुत ही आसानी से दूसरी बीमारी का लक्षण मान लिया जाता है।"

उन्होंने आगे कहा, "हमारी खोज से पता चला है कि हमें इस बीमारी का पता लगाने के लिए पहले ही जांच शुरू कर देनी चाहिए।"

इस रिसर्च में ब्रिटिश कोलंबिया के 12,000 से अधिक लोगों के हेल्थ रिकॉर्ड्स को जांचा गया था और इसमें पाया गया कि जिन लोगों को मल्टीपल सिरोसिस हुआ था उन्हें इसके लक्षण दिखने से 15 साल पहले ही ये बीमारी हो गई थी।

उनकी टीम ने पिछले 25 साल में फिजिशियन को दिखाने आए मरीजों का डाटा खंगाला था। इसमें ये पाया गया कि न्यूरोलॉजिस्ट के बताने से पहले ही उन्हें ये बीमारी हो गई थी। उनकी मेडिकल हिस्ट्री से यह पता चला।

इस शोध में पाया गया कि मरीजों में बीमारी के लक्षण 15 साल पहले ही दिखने लगे थे। जब वो डॉक्टर को दिखाने आते थे तो उन्हें थकान, दर्द, चक्कर आना और मानसिक पीड़ा जैसी शिकायतें थीं। एमएस के पता लगने के 12 साल पहले ही मनोवैज्ञानिक के पास वो अधिक बार जाने लगे थे।

वो न्यूरोलॉजिस्ट और आंखों के डॉक्टर के पास बहुत देर बाद पहुंचे, जब उन्हें धुंधला दिखाई देने लगा या आंखों में दर्द होने लगा। ये शिकायत उन्हें 8-9 साल बाद हुई। आगे की बात करें तो वो 3-5 साल पहले इमरजेंसी और रेडियोलॉजी में किसी न किसी वजह से बार-बार जाने लगे। 1 साल बाद उन्हें कई तरह की समस्याएं होने लगीं और वो अलग-अलग डॉक्टर्स के पास अलग समस्या लेकर जाने लगे थे। ये बताता है कि एमएस की एक लंबी और बड़ी जटिल हिस्ट्री होती है।

हालांकि शोधकर्ताओं ने ये भी चेताया कि वैसे तो अधिकतर लोगों को जिन्हें सामान्य लक्षण थे ये बीमारी नहीं हुई, मगर पहले ही इस बीमारी का पता लग जाना आगे इसके मरीज के इलाज में अधिक मददगार साबित होता है।

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Created On :   2 Aug 2025 3:37 PM IST

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