बॉलीवुड: विवेक रंजन अग्निहोत्री ने समझाया सोशल मीडिया के एल्गोरिदम का खेल, बोले- ‘हर क्लिक करेंसी है’

विवेक रंजन अग्निहोत्री ने समझाया सोशल मीडिया के एल्गोरिदम का खेल, बोले- ‘हर क्लिक करेंसी है’
फिल्म निर्माता-निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया को लेकर लेटेस्ट पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया आज के समय में भले ही हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है, लेकिन यह हमें सिर्फ बांटता नहीं, बल्कि इस बंटवारे से पैसे भी कमाता है। यह ध्रुवीकरण और पैसे का खेल बन चुका है।

मुंबई, 7 जून (आईएएनएस)। फिल्म निर्माता-निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया को लेकर लेटेस्ट पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया आज के समय में भले ही हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है, लेकिन यह हमें सिर्फ बांटता नहीं, बल्कि इस बंटवारे से पैसे भी कमाता है। यह ध्रुवीकरण और पैसे का खेल बन चुका है।

उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर सोशल मीडिया के एल्गोरिदम के खेल को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया, “सोशल मीडिया का तरीका बहुत सरल है, जितना ज्यादा गुस्सा, बहस या आक्रोश, ज्यादा क्लिक और हर क्लिक से सोशल मीडिया कंपनियों की कमाई होती है। यह एक ऐसा सर्कल है, जिसमें हम फंसते चले जाते हैं।”

उन्होंने आगे बताया, “जब हम सोशल मीडिया पर कुछ देखते हैं, खासकर विवादित या उत्तेजक कंटेंट, तो यह हमारा ध्यान खींचता है। हम क्लिक करते हैं, क्योंकि यह हमें उत्साहित, क्रोधित या उत्सुक करता है। हर क्लिक हमारे दिमाग में डोपामाइन (खुशी का रसायन) बढ़ाता है, जिससे हमें और देखने की लालसा होती है। लेकिन, इसके साथ ही तनाव, चिंता और डर भी बढ़ता है। हम बार-बार स्क्रॉल करते हैं और अनजाने में ही एक सर्कल में फंस जाते हैं। यह सब सोशल मीडिया के एल्गोरिदम का खेल है। ये एल्गोरिदम हमें वही दिखाते हैं, जो हमें स्क्रीन से चिपकाए रखे। लेकिन, इसकी कीमत हम अपनी मानसिक शांति से चुकाते हैं। हमें गुस्सा, उदासी या बेचैनी मिलती है। सोशल मीडिया छोटे-छोटे क्लिक्स के साथ हमारी भावनाओं को बांध देता है।”

विवेक रंजन अग्निहोत्री का मानना है कि यह कोई साजिश नहीं, बल्कि एक कारोबार है। उन्होंने बताया, “सोशल मीडिया कंपनियां हमारी भावनाओं और समय को बेचकर मुनाफा कमाती हैं। इसे नया पूंजीवाद कह सकते हैं, जहां हमारी भावनाएं और ध्यान ही मुद्रा हैं। हमें चाहिए कि हम इसका इस्तेमाल समझदारी से करें, ताकि हम तनाव और चिंता के बजाय सकारात्मकता और शांति को चुन सकें।”

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Created On :   7 Jun 2025 5:47 PM IST

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