SC Verdict on Waqf Law: 'सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह से रोक नहीं लगाई', वक्फ कानून के फैसले पर ओवैसी का आया बड़ा बयान, कहा - इस्लाम के समर्थक...

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर एक बार फिर से सियासत गरम हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सोमवार को एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा, "यह एक अंतरिम आदेश है। हमें चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट जल्द ही पूरे अधिनियम पर अंतिम फैसला दे और उसकी सुनवाई शुरू हो। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट जल्द ही अंतिम फैसला लेगा।"
केंद्र सरकार पर ओवैसी ने साधा निशाना
इस दौरान ओवेसी ने भाजपा सरकार पर वक्फ संशोधन अधिनियम की आड़ में वक्फ की जीमनों को हड़पने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट से यही चाहेंगे की जल्द से जल्द इस पर अंतिम फैसला दें। एआईएमआईएम चीफ ने आगे कहा कि केंद्र सरकार डाटा उपलब्ध कराए कि किसने धर्म बदलकर वक्फ को जमीन दी है। उन्होंने कहा कि कलेक्टर के जांच के प्रावधान पर रोक लगा दी गई है, लेकिन कलेक्टर के पास अभी भी सर्वेक्षण करने का अधिकार है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "सीओ की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जहां तक संभव हो यह एक मुस्लिम होना चाहिए। सरकार दावा करेगी कि उन्हें कोई योग्य मुस्लिम नहीं मिला। एक पार्टी जो किसी मुस्लिम को सांसद का टिकट नहीं देती और जिसके पास एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है, क्या वह एक मुस्लिम अधिकारी चुनेगी?"
वक्फ संशोधन बिल को लेकर कही ये बात
ओवैसी ने पूछा, "इंटेलिजेंस ब्यूरो में कितने मुस्लिम हैं? वे वक्फ में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति करेंगे... क्यों? यह अनुच्छेद 26 का उल्लंघन है। अगर एक गैर-सिख को एसजीपीसी का सदस्य बनाया जाए तो सिखों को कैसा लगेगा?"
ओवैसी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने उस प्रावधान पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई है जिसके तहत व्यक्ति को 5 साल तक मुस्लिम होना जरूरी है। किसी भी धर्म के व्यक्ति को दूसरे धर्म को दान देने से रोकने वाला कोई कानून नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 300 के अनुसार मैं अपनी संपत्ति जिसे चाहूं उसे दे सकता हूं। फिर इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए ऐसा प्रावधान क्यों किया गया है?"
Created On :   15 Sept 2025 8:09 PM IST