Digvijaya Singh On SIR: 'भारत के संविधान को लोकतंत्र से एकतंत्र...' SIR की प्रक्रिया भड़के दिग्विजय सिंह, चुनाव आयोग पर लगाए ये आरोप

डिजिटल डेस्क, भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। उन्होंने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर आरोप लगाया है कि इसके माध्यम से लोकतंत्र को एकतंत्र में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। इसे उन्होंने दोषपूर्ण प्रक्रिया बताया है। यह बयान उन्होंने मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में संविधान दिवस के कार्यक्रम में दिया है।
क्यो बोले कांग्रेस नेता?
पूर्व सीएम ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया पूरी तरह से दोषपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा, "भारत के संविधान को लोकतंत्र से एकतंत्र में बदलने का कुटिल प्रयास किया जा रहा है। हमारी मतदाता सूची से छेड़खानी की जा रही है। यह छेड़छाड़ केवल मतदाता सूची तक सीमित नहीं है। आपकी नागरिकता पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है।" उनका आगे कहना है, "देश में आज लोकतंत्र खतरे में है। हमें निर्णय करना है कि देश में एकतंत्र होना चाहिए या लोकतंत्र?"
दिग्विजय सिंह ने हिटलर और मुसोलिनी जैसे तानाशाहों का उदारहण पेश किया और कहा कि एकतंत्र में सिर्फ एक ही व्यक्ति का राज चलता है। इस वजह से आम लोगों की कही सुनवाई नहीं होती है। वे अपने नियम खुद बनाते हैं और उसी के मुताबिक चलते हैं।
साल 2003 में हुई SIR को लेकर कही ये बात
कांग्रेस नेता ने साल 2003 में हुई एसआईआर को लेकर कहा कि देश में उस समय एसआईआर करावाई गई थी तो हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में जोड़ने का काम किया गया था। और इसकी जिम्मेदारी सरकार और चुनाव आयोग ने निभाई थी, लेकिन वर्तमान में एसआईआर हो रही है, इसमें खुद नागरिकों से उनके मतदाता होने के सबूत मांगे जा रहे हैं। आयोग ने बिहार में भी एसआईआर करवाई है। इस दौरान करीब 65 लाख लोगों के नाम काट दिए गए हैं। इसको लेकर सवाल किए थे कि क्या ये लोग इस देश के नागरिक नहीं थे?
Created On :   26 Nov 2025 10:11 PM IST












