हरियाणा पॉलिटिक्स: कांग्रेस पर CM नायब सिंह सैनी का तीखा हमला, इमरजेंसी को देश के लिए बताया काला दिन

कांग्रेस पर CM नायब सिंह सैनी का तीखा हमला, इमरजेंसी को देश के लिए बताया काला दिन
  • कांग्रेस पर CM नायब सिंह सैनी का तीखा हमला
  • इमरजेंसी को देश के लिए बताया काला दिन
  • कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भी साधा निशाना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को गुरुग्राम में आयोजित महिला मॉक संसद में भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन आपातकाल के 50 साल पूरे होने के अवसर पर किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल देश के लिए "काला दिन" था।

नायब सिंह सैनी का कांग्रेस पर हमला

नायब सिंह सैनी ने कहा कि आपातकाल के दौरान महिलाओं ने लोकतंत्र प्रहरी की भूमिका निभाई और अत्याचारों का डटकर सामना किया। महिलाओं ने राष्ट्रहित में जो योगदान दिया वह कभी भुलाया नहीं जा सकता।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया और लोकतंत्र की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हरियाणा भी विकसित भारत के सपने को साकार करने में अपना अतुलनीय योगदान निभा रहा है।

सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा, "आपातकाल का दौर हमारे इतिहास का एक काला अध्याय है। भीमराव अंबेडकर और संविधान समिति की ओर से देश को संविधान दिया गया। आजादी के बाद से देश संविधान के अनुरूप चल रहा था। 25 जून 1975 के दिन देश में भूचाल नहीं आया था और युद्ध जैसी कोई स्थिति भी नहीं थी, लेकिन अपनी राजनीतिक इच्छा पूरी करने और सत्ता की लालच में संविधान को तार-तार कर दिया गया।"

इमरजेंसी को बताया देश का काला दिन

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कभी भी माननीय न्यायालय के फैसलों का सम्मान नहीं किया। कांग्रेस ने कभी भी माननीय राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति जैसे हमारे संवैधानिक पदों का सम्मान नहीं किया और न ही उन्होंने लोकतंत्र का सम्मान किया। कांग्रेस ने कभी भी प्रधानमंत्री के पद का सम्मान नहीं किया, जिसका उद्देश्य 140 करोड़ लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करना है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि जो "युवराज" उस पवित्र संविधान को लेकर जनसभाओं में लोगों के बीच जा रहे थे, उन्हें कम से कम अपने गिरेबां में देखना चाहिए। ये लोग शीशे में अपना चेहरा देखते हैं और शीशे को खराब कहते हैं, शीशा खराब नहीं चेहरा खराब होता है।

Created On :   29 Jun 2025 1:25 AM IST

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