Shashi Tharoor on MNREGA: 'महात्मा की विरासत का अपमान न करें', मनरेगा का नाम बदलने पर शशि थरूर की आई प्रतिक्रिया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजनगार गारंटी योजना का नाम बदलने को लेकर सियासत गरमा रही है। इस बीच तिरुवनंतपुरुम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि सरकार के प्रस्तावित नए G-RAM-G बिल में MNREGA का नाम बदलने पर विवाद दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार के प्रस्तावित नए ग्राम स्वराज की अवधारणा और राम राज्य का आदर्श कभी भी एक-दूसरे के विरोधी नहीं थे।
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मनरेगा के नाम बदले पर शशि थरूर ने दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस सांसद ने कहा कि वे गांधीजी की सोच के दो स्तंभ थे। ग्रामीण गरीबों के लिए एक योजना में महात्मा का नाम हटाना इस गहरे जुड़ाव को नजरअंदाज करता है। उनकी आखिरी सांस 'राम' के प्रति उनकी आस्था का प्रमाण थी।
उन्होंने आगे कहा कि हम ऐसी जगह बंटवारा करके गांधीजी की विरासत का अपमान न करें, जहां कोई बंटवारा था ही नहीं।शशि थरूर ने आगे कहा कि इतना ही नहीं, बल्कि केंद्र सरकार ने मनरेगा को खत्म करने का फैसला किया है। अब नया कानून लाने की तैयारी है। इसे शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
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प्रियंका गांधी ने भी उठाए सवाल
केंद्र सरकार ने मनरेगा को खत्म करने का फैसला किया है। अब नया कानून लाने की तैयारी है। इसे शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इसका नाम विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल 2025 रखा गया है।
सरकार की तरफ से इस नए बिल में कहा गया है कि इसका उद्देश विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय विजन के तहत ग्रामीण विकास का ढांचा तैयार करना है। काम के दिनों की संख्या 100 दिन से बढ़ाकर 125 कर दी जाएगी।
वहीं, शुक्रवार को खबर थी कि सरकार मनरेगा का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार रखा है। लेकिन तब सरकार का नोटिफिकेशन नहीं आया था। प्रियंका गांधी ने मनरेगा की जगह पर नया कानून बनाने की तैयारी के बीच सोमवार को बयान दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि आखिर इस योजना से महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा है। उन्होंने संसद में गतिरोध को लेकर यह दावा भी किया कि ऐसा लगता है कि सरकार ही सदन नहीं चलाना चाहती।
Created On :   15 Dec 2025 10:39 PM IST












