मध्य प्रदेश: छिंदवाड़ा और सतना घटना के बाद भी नहीं जाग रहा स्वास्थ्य विभाग

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने सोमवार को भोपाल में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की। जिसमें औषधि निर्माण इकाइयों (ड्रग मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स) की नियमित जांच करने के निर्देश दिए। गुणवत्ता मानकों का पालन करने के निर्देश दिए। सभी ब्लड बैंकों के विधिवत संचालन, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता, रक्त की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया। छिंदवाड़ा में कफ सिरप से बच्चों की मौत और सतना में बच्चों को संक्रमित ब्लड चढ़ाने के मामले के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लापरवाही देखी जा रही। स्वास्थ्य विभाग इन घटनाओं से सीख लेने को तैयार नहीं है। मप्र के कई जिलों में दूसरे जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर की पदास्थापना कर काम चलाया जा रहा है। कई जिलों में ड्रग इंस्पेक्टर ही नहीं हैं। वहीं भोपाल में 9 डीआई लैब में है। इनको फील्ड पर नहीं भेजा गया।
अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की गई। जबकि 13 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है ।अक्टूबर 2024 अब तक भोपाल लैब में ही प्रशिक्षण ले रहे। नियमन इनको अब तक फील्ड पर कार्य करना चाहिए था। लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते इनको अब तक अधिसूचना जारी नहीं की गई। विभाग के अधिकारी हर बार प्रक्रिया प्रोसेस में बता देते हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है जब एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अधिसूचना जारी नहीं की गई है। प्रदेश में 17 डीआई के पद खाली हैं। कुल 96 में से 67 डीआई ही फील्ड पर है। उप मुख्यमंत्री हर बार विभागीय बैठक में अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया और नियुक्ति समय सीमा में करने के निर्देश देते हैं। मंत्री शुक्ल ने कहा है कि स्वास्थ्य संस्थानों में मानव संसाधन की कमी से सेवाएं प्रभावित नहीं होनी चाहिए। सभी रिक्त पदों की समयबद्ध पूर्ति सुनिश्चित की जाए।
डीआई की अधिसूचना
डीआई संख्या नियुक्ति वर्ष अधिसूचना इतना समय लगा
- 15 जून 2008 फरवरी 2009 8 माह
- 16 सितम्बर 2013 फरवरी 2014 6 माह
- 10 अप्रैल 2018 सितम्बर 2018 6 माह
- 26 सितम्बर 2023 जुलाई 2024 11 माह
- 9 अक्टूबर 2024 फील्ड पर नहीं 13 माह से अधिक
Created On :   30 Dec 2025 12:24 AM IST












