Cash For Query Case: 'चैन से सोने दीजिए, क्यों बैचेन करती हैं', महुआ मोइत्रा पर निशिकांत दुबे ने बोला हमला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट में शुक्रवार को कैश फॉर क्वेरी मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की याचिका पर तत्काल आदेश देने से मना कर दिया। दरअसल, महुआ मोइत्रा ने अगली सुनवाई पर लोकपाल को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की सुनवाई से रोकने की अपील की थी। टीएमसी सांसद ने कहा है कि दुबे ने लोकपाल कार्यवाही की गोपनीयता का उल्लंघन किया। कोर्ट के इस आदेश के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की प्रतिक्रिया आई है।
निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर साधा निशाना
निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, "गरीब की लुगाई सब की भौजाई, कुछ भी हो जाए आरोप तो दुबे पर ही लगाना है? हम गांव देहात के आदमी हैं, चैन से सोने दीजिए, क्यों बैचेन करती हैं। मेरी चुप्पी भी आपको क्यों परेशान करती है?"
इसके अलावा 'लाइव लॉ' की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने कहा, ''इस समय मोइत्रा की याचिका पर कोई आदेश पारित करना उचित नहीं है।'' हालांकि, कोर्ट ने ये भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस सांसद भारत के लोकपाल के समक्ष राहत के लिए अपनी अर्जी दे सकती हैं।
साल 2023 में निशिकांत दुबे ने दर्ज कराई थी शिकायत
वहीं, कोर्ट में महुआ मोइत्रा के वकील समुद्र सारंगी ने दलील दी कि निशिकांत दुबे गोपनीय प्रकृति की जानकारी लीक करने के दोषी हैं, इसलिए अगली सुनवाई पर लोकपाल को उनसे बात नहीं करनी चाहिए। सारंगी ने कहा, ''याचिका गुण-दोष पर आधारित नहीं है, बल्कि लोकपाल की कार्यवाही के संबंध में दुबे की ओर से कथित गोपनीयता भंग करने के सीमित मुद्दे पर आधारित है।'' सारंगी के मुताबिक, मोइत्रा की ओर से अपनी टिप्पणी देने से पहले ही गोपनीयता भंग की जा चुकी थी।
बता दें, साल 2023 में सदन में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकपाल के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को एथिक्स कमेटी की सिफारिश के आधार पर दिसंबर 2023 में लोक सभा की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था।
Created On :   26 Sept 2025 4:58 PM IST