संसद शीतकालीन सत्र: उपराष्ट्रपति के अपमान मामले में गरमाई सियासत, टीएमसी सांसद ने दी सफाई, बोले - 'मिमिक्री करना एक कला, पीएम मोदी भी कर चुके'

उपराष्ट्रपति के अपमान मामले में गरमाई सियासत, टीएमसी सांसद ने दी सफाई, बोले - मिमिक्री करना एक कला, पीएम मोदी भी कर चुके
  • उपराष्ट्रपति के अपमान मामले में टीएमसी सांसद की आई प्रतिक्रिया
  • जगदीप धनखड़ से लेकर पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू का आया रिएक्शन
  • घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का अपमान करने के मामले में सियासत गरमा गई है। संसद भवन परिसर में धनखड़ की नकल उतारने वाले टीएमसी सांसद कल्याण मुखर्जी ने सफाई दी है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, मेरा इरादा उनका अपमान करना नहीं था। मेरे मन में उनके प्रति बहुत सम्मान है। मिमिक्री करना एक कला है, पीएम मोदी भी ये कर चुके हैं। वहीं उपराष्ट्रपति से माफी मांगने के सवाल पर उन्होंने कहा, ऐसा करने से मना कर दिया।

सांसद मुखर्जी ने कहा, "मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का इरादा कभी नहीं था... धनकड़ साहब मुझसे बहुत वरिष्ठ हैं... मुझे नहीं पता कि उन्होंने इसे अपने ऊपर क्यों लिया है। मेरा सवाल यह है कि अगर उन्होंने इसे अपने ऊपर ले लिया है, तो क्या वे राज्यसभा में इस तरह का व्यवहार करते हैं?"

वहीं इस मामले पर टीएमसी की वरिष्ठ नेता और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का बयान भी आया है। उनका कहना है कि इस मामले में पार्टी संसदीय दल बात रखेगा। बता दें कि मंगलवार को सांसदों के निलंबन पर विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने सभापति धनखड़ का मजाक उड़ाते हुए उनकी मिमिक्री की थी।

पीएम मोदी ने जताया अफसोस

वहीं इस घटनाक्रम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफसोस बताया है। उन्होंने बुधवार सुबह जगदीप धनखड़ को फोन किया और विपक्षी सांसदों के व्यवहार को दुर्भाग्यपू्र्ण बताया। पीएम ने उपराष्ट्रपति से कहा, 'मैं भी पिछले 20 साल से इस तरह का अपमान झेलते हुए आया हूं।' खुद धनखड़ ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का टेलीफोन आया। उन्होंने कुछ सांसदों की कल संसद परिसर में घृणित नौटंकी पर बहुत दुख व्यक्त किया। उन्होंने मुझे बताया कि वह पिछले बीस वर्षों से इस तरह के अपमान सहते आ रहे हैं, लेकिन यह तथ्य कि भारत के उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद के साथ और वह भी संसद में, ऐसा हो सकता है, दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने उनसे कहा- प्रधानमंत्री, कुछ लोगों की हरकतें मुझे रोक नहीं पाएंगी। मैं अपना कर्तव्य निभा रहा हूं और हमारे संविधान में निहित सिद्धांतों को कायम रख रहा हूं। मैं अपने दिल की गहराई से उन मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध हूं। कोई भी अपमान मेरा रास्ता नहीं बदल सकता।"

राष्ट्रपति ने जताई निराशा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे निराशाजनक बताया। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "जिस तरह से हमारे सम्मानित उपराष्ट्रपति को संसद परिसर में अपमानित किया गया, उसे देखकर मुझे निराशा हुई। निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति की गरिमा और शिष्टाचार के मानदंडों के भीतर होनी चाहिए। यह संसदीय परंपरा रही है जिस पर हमें गर्व है और भारत के लोग उनसे इसे कायम रखने की उम्मीद करते हैं।"

Created On :   20 Dec 2023 7:25 AM GMT

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