कर्नाटक: सिद्धारमैया सरकार ने आवास योजनाओं में अल्पसंख्यकों के लिए बढ़े आरक्षण पर बीजेपी नेताओं ने साधा निशाना, कांग्रेस सरकार के फैसले को बताया असंवैधानिक

- बीजेपी ने कहा धर्म आधारित आरक्षण संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन
- धर्म-आधारित आरक्षण को अस्वीकार कर चुका है सुको- प्रह्लाद जोशी
- चुघ ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पर लगाया तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने विभिन्न आवास योजनाओं के तहत अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया है। राज्य की कांग्रेस सरकार के इस फैसले से राजनीतिक हंगामा मच गया है, बीजेपी का तर्क है कि धर्म आधारित आरक्षण संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा धर्म-आधारित आरक्षण को 'अस्वीकार' करने का हवाला देते हुए इस कदम को असंवैधानिक बताया।
आपको बता दें कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है, ऐसे में अल्पसंख्यकों के बढ़े आरक्षण को लेकर बीजेपी के नेता निशाना साध रहे है। बीजेपी शासित छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,जहां भी कांग्रेस की सरकार है, वह तुष्टीकरण की राजनीति करती है। समाज को बांटना उनकी राजनीतिक विचारधारा का हिस्सा है।
#WATCH रायपुर: कर्नाटक सरकार ने विभिन्न आवास योजनाओं के तहत अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया है।छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, "जहां भी कांग्रेस की सरकार है, वह तुष्टीकरण की राजनीति करती है। समाज को बांटना उनकी राजनीतिक विचारधारा का… pic.twitter.com/fty9lmk2qq— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 20, 2025
बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कर्नाटक सरकार पर आवास योजनाओं में मुसलमानों को 15 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले को लेकर सिद्धारमैया सरकार ने निशाना साधा, उन्होंने इसे असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिया। साथ ही चुघ ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। चुघ ने मीडिया से बात करते हुए कहा यह असंवैधानिक और गैरकानूनी है क्योंकि भारत के संविधान में, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने स्पष्ट रूप से लिखा है कि किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं मिल सकता है। बीजेपी नेता ने कांग्रेस सरकार के इस कदम को वोट बैंक के लिए बताया। कांग्रेस केवल अपने वोट बैंक को देख रही है। चुघ ने कहा कर्नाटक सरकार का यह फैसला साफ तौर पर एससी एसटी ओबीसी और हिंदुओं के अधिकारों को छीनता है। येअसंवैधानिक हैं। हम ऐसा नहीं होने देंगे।
कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने भी सिद्धारमैया कैबिनेट फैसले की निंदा करते हुए इसे "सांप्रदायिक वोट-बैंक की राजनीति को संस्थागत बनाने का एक खतरनाक प्रयास" बताया। एक्स पर एक पोस्ट में, येदियुरप्पा ने कांग्रेस सरकार पर कल्याण को वोट-बैंक की राजनीति में बदलने का आरोप लगाया और दावा किया कि नई आरक्षण नीति अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को उनके उचित अवसरों से वंचित करती है।
Created On :   20 Jun 2025 5:03 PM IST












