भारत-पाक संघर्ष और सीजफायर: विपक्षी महागठबंधन ने बैठक के बाद की पीसी, केंद्र सरकार से की संसद के विशेष सत्र की मांग

- विपक्ष ने सरकार को घेरने की बनाई रणनीति
- मोदी सरकार संसद में जनता को दें जवाब- विपक्ष
- ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर पर चर्चा को लेकर जारी किया पत्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विपक्षी इंडिया गठबंधन ने केद्र सरकार को घेरने के लिए आज मंगलवार को बैठक की, इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर मोदी सरकार पर निशाना साधा। इसमें ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका द्वारा सीजफायर की घोषणा को लेकर 16 विपक्षी दलों ने मोदी सरकार से तीखे सवाल किए है। आपको बता दें महागठबंधन ने विशेष सत्र बुलाने को लेकर सरकार को पत्र भी जारी किया है।
आपको बता दें मंगलवार 3 जून को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थिति कॉन्स्टि्यूशन क्लब में I.N.D.I.A ब्लॉक के प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई गई। क्लब में संजय राउत मनोज झा, राम गोपाल यादव, डेरेक ओब्रयान पहुंचे थे। विपक्षी नेताओं ने पहलगाम, पुंछ, उरी और राजौरी में हुए आतंकी हमलों और भारत-पाक संघर्ष जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा की बात कही है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी जनता को जवाब दें ना की अंतरराष्ट्रीय मंचों पर।
आरजेडी सांसद मनोज झा INDIA गठबंधन की बैठक के बाद कहा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 15 दिनों में 13 बयान दिए और उन बयानों से भारत की भावनाएं आहत हुई हैं। एक समुदाय और एक राष्ट्र के तौर पर हम आहत हैं और इसके लिए संसद बुलाई जाती है। यह पक्ष और विपक्ष का मामला नहीं है, यह जवाबदेही का मामला है।
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा 16 दलों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, पत्र में पुंछ, उरी, राजौरी और संसद में स्वतंत्र चर्चा की बात की गई है। सरकार संसद के प्रति उत्तरदायी है, संसद जनता के प्रति उत्तरदायी है इसलिए हम संसद के विशेष सत्र की मांग कर रहे हैं...जिन दलों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, उनमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, एआईटीसी, डीएमके, शिवसेना (यूबीटी), आरजेडी, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, CPI (M), IUML, CPI, RSP, JMM, VCK, केरल कांग्रेस, एमडीएमके, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन शामिल हैं,AAP कल सीधे प्रधानमंत्री को पत्र लिखेगी
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा 16 राजनीतिक दलों ने अपने सभी नेताओं के माध्यम से एक चिट्ठी प्रधानमंत्री के नाम लिखी है और संयुक्त रूप से संसद के विशेष सत्र को बुलाने की मांग उठाई है। जब पहलगाम में आक्रमण हुआ तो कांग्रेस पार्टी और तमाम विपक्षी दलों ने पूर्ण रूप से देश की सरकार को जवाबी कार्रवाई करने के लिए अपना समर्थन दिया। उसके बाद जो घटनाक्रम घटित हुए वह भी आपके सामने हैं। उसके बाद अमेरिका द्वारा युद्धविराम की घोषणा की गई और उसके बाद के घटनाक्रम को देखते हुए हमने (संसद के)विशेष सत्र की मांग उठाई। हमने कहा कि महत्वपूर्ण है कि एक ओर सभी सांसद और सभी दल विशेष सत्र के माध्यम से अपनी सेना का धन्यवाद कर सकें और दूसरी ओर पूरी घटना पर सरकार बिंदुवार अपनी बात रखे। पहलगाम आतंकी हमले से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक, ऑपरेशन सिंदूर से लेकर अमेरिका द्वारा युद्धविराम की घोषणा तक और उसके बाद पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग करने के लिए क्या-क्या प्रयास किए जा रहे हैं, उसमें कितनी सफलता मिल रही है। इस भावना के साथ यह मांग की गई थी और इस चिट्ठी में भी यही कहा गया है। अब जब सरकार दुनिया के अलग-अलग देशों की राजधानियों में अपनी बात रख रही है तो देश की संसद के सामने भी अपनी बात रखना आवश्यक है। इस भावना को आगे बढ़ाते हुए इस यह चिट्ठी के माध्यम से आज हमारे दलों के नेताओं ने इस मांग को दोहराया है।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा हमने प्रधानमंत्री को जो पत्र लिखा है, उस पर 16 राजनीतिक दलों के हस्ताक्षर हैं। यह कोई सामान्य पत्र नहीं है। विपक्ष जनता की आवाज़ है। हम चाहते हैं कि देश में अब तक जो कुछ भी हुआ है, उस पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया जाए... अगर राष्ट्रपति ट्रंप के कहने पर आप युद्ध विराम कर सकते हो, तो आप विपक्ष के बार-बार अनुरोध के बाद भी विशेष सत्र क्यों नहीं बुला रहें? क्या हमें विशेष सत्र बुलाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के पास जाना पड़ेगा?
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा.संसद का विशेष सत्र बुलाए जाना इसलिए आवश्यक है क्योंकि आप सारी दुनिया को तो बता रहे हैं लेकिन संसद को और संसद के माध्यम से देश की जनता को अंधेरे में रखना चाहते हैं। हमें इस अवसर पर किन देशों से समर्थन मिला? एक देश भी खुलेआम हिंदुस्तान के समर्थन में नहीं आया, यह चिंता की बात है। हम कूटनीतिक स्तर पर पूरी तरह से विफल हो गए। सेना बधाई की पात्र है कि उन्होंने अच्छा काम किया। हम सेना को धन्यवाद भी देते हैं और बधाई भी देते हैं लेकिन इतने सालों से प्रधानमंत्री सारे देशों का दौरा करते रहे, सभी से मिले और उनके तथाकथित मित्र डोनाल्ड ट्रम्प ने युद्धविराम की घोषणा कर दी... यह चिंता की बात है और इस पर चर्चा होना आवश्यक है। संसद का विशेष सत्र बुलाना बहुत आवश्यक है।
Created On :   3 Jun 2025 5:49 PM IST