B'Day: महज 16 की उम्र में इस क्रिकेटर ने 37 गेंदों पर शतक जड़ रचा था इतिहास, जानिए अफरीदी की लाइफ से जुड़ी कुछ बातें

BDay: know all about Shahid Afridi and his crickets records 
B'Day: महज 16 की उम्र में इस क्रिकेटर ने 37 गेंदों पर शतक जड़ रचा था इतिहास, जानिए अफरीदी की लाइफ से जुड़ी कुछ बातें
B'Day: महज 16 की उम्र में इस क्रिकेटर ने 37 गेंदों पर शतक जड़ रचा था इतिहास, जानिए अफरीदी की लाइफ से जुड़ी कुछ बातें

डिजिटल डेस्क (भोपाल)।  1980 में आज ही के दिन (1 मार्च) एक विस्फोटक बल्लेबाज का जन्म हुआ था। आकर्षक दृष्टिकोण रखने वाले इस क्रिकेटर ने कुछ ऐसी आश्चर्यजनक पारियां खेलीं कि वह इतिहास में दर्ज हो गई। पाकिस्तान के क्रिकेटर शाहिद अफरीदी आज अपना 41वां बर्थ-डे सेलिब्रेट कर रहे हैं। शाहिद अफरीदी ने वन-डे इंटरनेशनल मैच में डेब्यू करते ही महज 16 की उम्र में केन्या के खिलाफ खेलते हुए 4 अक्टूबर 1996 को 37 गेंदों में सबसे तेज शतक जड़ने के रिकार्ड बनाया था। अपनी शतकीय पारी में शाहिद ने 11 छक्के और 6 चौके लगाए थे। शाहिद अफरीदी का पूरा नाम साहिबजादा मोहम्मद शाहिद खान अफरीदी है। 

वन-डे मैच में विस्फोटक बल्लेबाजी के बाद वह काफी मशहूर हो गए और उन्हें एक-दिवसीय मैचों का विशेषज्ञ कहा जाने लगा। इसके बाद शाहिद ने 2005-06 में भारत के खिलाफ टेस्ट मैच में लगातार दो शतक जड़े, लेकिन उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से 2006 में संन्यास ले लिया। अफरीदी बल्लेबाजी तक ही सीमित नहीं रहे और उन्होंने टी-20 मुकाबलों में लेगस्पिन गेंदबाजी से भी कमाल किया और वह देखते ही देखते पाकिस्तानी टीम के लिए एक महत्वपूर्ण आलराउंडर साबित हुए। 

टी 20 में अफरीदी रॉक स्टार बने। वह 2007 विश्व टी-20 में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट थे और दो साल बाद सेमीफाइनल और फाइनल में अर्द्धशतक के साथ पाकिस्तान को खिताब दिलाया। उस टूर्नामेंट के तुरंत बाद यूनिस खान टी-20 से रिटायर होने के बाद, अफरीदी को कप्तान नियुक्त किया गया था, लेकिन आफरीदी के नेतृत्व में पाकिस्तान का ऑस्ट्रेलिया दौरा बहुत ही निराशाजनक रहा और इसी दौरान उन्होंने एकदिवसीय मैच में टीम का नेतृत्व करते हुए गेंद के साथ छेड़छाड़ की और उन्हें अपमानित होना पड़ा। 

उन्होंने 2010 में टेस्ट में वापसी की घोषणा की और उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए कप्तान बनाया गया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक श्रृंखला शामिल थी। लेकिन लॉर्ड्स में भारी हार के बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ दी और फिर से टेस्ट से संन्यास ले लिया। उन्होंने 2015 विश्व कप के अंत तक और 2016 के विश्व टी-20 तक वनडे खेलना जारी रखा।


 

 

 

Created On :   1 March 2021 7:01 AM GMT

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