स्वास्थ प्राथमिकता, खेल के बारे में बाद में सोच सकते हैं : गोपीचंद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद की इस लॉकडाउन के दौरान अपने शिष्यों को सलाह है कि वे सकारात्मक रहें और फिट भी।
इस समय कोरोनावायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है। गोपीचंद ने इस आपदा की घड़ी में प्रधानमंत्री केयर्स फंड में मदद दी है और 15 लाख रुपये का दान दिया है। इसके अलावा उन्होंने आंध्र प्रदेश और तेलंगना सरकार में भी पांच-पांच लाख रुपये देने की मदद का ऐलान किया है।
गेपीचंद ने आईएएनएस से कहा, मैं इस समय अपने परिवार के साथ समय बिता रहा हूं। योगा और मेडिटेशन कर रहा हूं और फिटनेस बनाए रखने की कोशिश कर रहा हूं। साथ ही खिलाड़ियों से बात करता रहता हूं। उन्होंने कहा, जो लोग परेशान हो रहे हैं वो रोज का कम करने वाले मजदूर और किसान हैं जिनके पास हाथ में पैसा नहीं है। इनमें से कई होंगे जो परेशान महसूस कर रहे होंगे और हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनका ख्याल रखें। यह हमारे लिए कुछ महीने हैं और इसके बाद करियर सामान्य स्थिति में आ जाएगा।
गोपीचंद घर में बंद अपने शिष्यों से लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि ट्रेनर दिनाज वेर्वावाला हर दिन दो सत्र खिलाड़ियों के साथ वीडियो कॉल पर बात करते हैं। गोपीचंद ने कहा, जो खिलाड़ी खेल का हिस्सा हैं वे जानते हैं कि चोटें खेल का हिस्सा हैं और जब भी वह चोटिल होते हैं तो कुछ महीनों के लिए आराम करते हैं। इसलिए खिलाड़ी इसे इंजुरी ब्रेक की तरह ले सकते हैं।
विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) ने जुलाई तक अपने सभी टूर्नामेंट स्थगित कर दिए हैं। गोपीचंद ने कहा कि ओलम्पिक खेल स्थगित कर दिए गए हैं ऐसे में उन्हें इस ब्रेक क्वालीफिकेशन पर क्या फर्क पड़ेगा इस बात की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा, तीन महीनों तक हमारे पास टूर्नामेंट नहीं हैं। हम अगस्त-सितंबर में होने वाले टूर्नामेंट्स पर ध्यान दे रहे हैं। देखते हैं कि यह लॉकडाउन कितने दिन चलता है और हम कितने समय में सामान्य जीवन जीत पाते हैं। इसके बाद फैसला लिया जाएगा।
कोच ने कहा, अगर ओलम्पिक कुछ महीनों के लिए स्थगित हुए होते तो मुझे चिंता होती। मैं खिलाड़ियों की प्रैकिट्स को लेकर चिंतित रहता, लेकिन हमारे पास एक साल का समय है। पूरे विश्व के खिलाड़ियों के लिए यही स्थिति है। इस समय प्राथमिकता स्वास्थ, दोस्त, परिवार, समाज और देश है। इसलिए हम खेल के बारे में बाद में बात कर सकते हैं।
Created On :   7 April 2020 3:30 PM IST